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कोरोना के बाद पहली बार तीन लाख के पार पहुंचा घरेलू हवाई यात्रियों का आंकड़ा

For the first time since Corona, the number of domestic air passengers exceeded three lakh in a single day. On October 9, 3,04,020 people traveled in 2,340 flights due to reduction in infection and festivals. For the third consecutive month, the trend of increasing the number of passengers continued in the first week. Air traffic has been increasing steadily since July.

त्योहारों के मौसम के साथ घरेलू यात्राओं में आया बड़ा उछाल त्योहारों के मौसम के साथ घरेलू यात्राओं में आया बड़ा उछाल
हाइलाइट्स
  • त्योहारों के मौसम के साथ घरेलू यात्रा की शुरुआत

  • पहली बार तीन लाख के पार पहुंचा घरेलू हवाई यात्रियों का आंकड़ा

  • फेयर बैंड के ऐलान में देर के कारण टिकट सस्ते

कोरोना के बाद से पहली बार शनिवार को एक दिन में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या तीन लाख से ज्यादा हो गई. संक्रमण में कमी और त्योहारों के चलते बीते 9 अक्टूबर को 2,340 उड़ानों में 3,04,020 लोगों ने यात्रा की. लगातार तीसरे महीने पहले हफ्ते में यात्रियों की संख्या बढ़ने का रुझान जारी रहा. हवाई यातायात जुलाई से लगातार बढ़ रहा है.

घरेलू हवाई यातायात का आंकड़ा पहुंचा 76 प्रतिशत

एजेंसी की खबरों के मुताबिक नौ अक्टूबर को घरेलू हवाई यातायात कोरोना-पूर्व के 76 प्रतिशत स्तर तक पहुंच गया. जबकि घरेलू उड़ानों की संख्या कोरोना-पूर्व के 81 प्रतिशत तक रहीं. कोरोना के पहले जनवरी 2020 में एयरलाइंस रोजाना लगभग 2,600 उड़ानें ऑपरेट कर रही थीं. इनमें करीब 3,50,000 यात्रियों ने यात्रा की. घरेलू एयरलाइंस को सरकार की ओर से इस समय 85 प्रतिशत क्षमता के साथ ऑपरेट करने की अनुमति दी गई है. वहीं फेयर बैंड की सीमा पंद्रह दिन तक के लिए रहती है. इस अवधि के बाद एयरलाइंस अपने हिसाब से किराया तय कर सकती हैं. देश में कोरोनासंक्रमण की रोकथाम और बाजार में एकाधिकार रोकने के लिए सरकार ने अप्रैल 2020 से एयरलाइंस पर यात्री क्षमता और किरायों को लेकर प्रतिबंध लागू किए थे.

फेयर बैंड के ऐलान में देर के कारण टिकट सस्ते

विमानन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि सरकार के फेयर बैंड के ऐलान में देर के कारण एयरलाइंस को निर्धारित सीमा से कम पर टिकट बेचने की छूट मिली. इससे घरेलू विमान यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई. फेयर बैंड की 15 दिन की सीमा के बाद एयरलाइंस को 30-40 प्रतिशत तक सस्ती टिकटें बेचने के लिए काफी समय मिल जाता है.