
उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार कोशिशें हो रही हैं. इस कड़ी में गाजियाबाद भी जुड़ गया है. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने एक अनोखी पहल की है. इस पहल के तहत जिलेभर के स्कूल और कॉलेज की छात्राओं को एक दिन के लिए थाना अध्यक्ष (इंस्पेक्टर/कोतवाली इंचार्ज) का चार्ज दिया जा रहा है.
इस पहल में छात्राओं ने क्या सीखा?
इस दौरान छात्राओं को पुलिसिंग की कई चीजों के बारे में जानकारी मिली. इस दौरान छात्राओं को पुलिस की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया. उन्हें थाने में आने वाली शिकायतें सुनने, समस्याओं का समाधान करने, थाने का निरीक्षण करने और क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाने का अनुभव दिया गया. इसके साथ ही महिला अपराधों और महिला सेल की कार्यप्रणाली से भी छात्राओं को रूबरू कराया गया.
थाना बेव सिटी की प्रभारी बनीं निशिका बिंदल-
थाना बेव सिटी में सुंदरदीप कॉलेज की एमबीए छात्रा निशिका बिंदल को एक दिन का थाना प्रभारी बनाया गया. निशिका ने फरियादियों की शिकायतें सुनीं और कहा कि पुलिस का काम बाहर से जितना आसान लगता है, असल में उतना ही कठिन है. लोगों की समस्याओं को समझना और सही कार्रवाई करना बड़ी जिम्मेदारी है. मैंने सीखा कि न्याय कैसे दिया जाता है और पुलिस किस तरह समाजहित में काम करती है? निशिका बिंदल का कहना है कि यह अनुभव मेरे जीवनभर काम आएगा और मेरे लिए गर्व की बात है.
चंचल भारती को कोतवाली का इंचार्ज बनाया गया-
कोतवाली गाजियाबाद में एमकॉम की छात्रा चंचल भारती को एक दिन का इंचार्ज बनाया गया. उन्होंने फरियादियों की बात ध्यान से सुनी और पुलिसिंग की प्रक्रिया को नजदीक से समझा.
पुलिस का डर खत्म करना मकसद- एसीपी
इस मामले में एसीपी बेव सिटी प्रियाश्री पाल का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और छात्राओं के मन से पुलिस का डर खत्म करना है, ताकि वे निडर होकर अपनी समस्याएं पुलिस के सामने रख सकें.
यह प्रयोग छात्राओं को न सिर्फ नेतृत्व और जिम्मेदारी का अनुभव कराता है, बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश भी देता है.
(मयंक गौर की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: