सई जाधव
सई जाधव IMA POP 2025: महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली 23 साल की सई संदीप जाधव ने इतिहास रचते हुए पूरे देश का मान बढ़ाया है. सई ने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 93 साल के इतिहास में पहली महिला अधिकारी कैडेट बनकर प्रशिक्षण पूरा किया और लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.
बता दें कि, साल 1932 में स्थापित भारतीय सैन्य अकादमी अब तक करीब 67 हजार ऑफिसर्स कैडेट्स को प्रशिक्षण दे चुकी है. लेकिन इतने लंबे इतिहास में यह पहला अवसर है जब अकादमी से कोई महिला अधिकारी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर सेना का हिस्सा बनी है. यह उपलब्धि केवल सई की नहीं, बल्कि कोल्हापुर, महाराष्ट्र और पूरे देश के लिए गर्व की बात है. 13 दिसंबर 2025 को यह घोषणा की गई कि सई जाधव को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में चुना गया है. इस ऐतिहासिक क्षण में जब सई के कंधों पर पदक सजा, तो उनके पिता मेजर संदीप जाधव और माता ज्योति जाधव की आंखों में गर्व के आंसू छलक आए.
आसान नहीं था सई सफर
सई का यह सफर आसान नहीं था. भारतीय सैन्य अकादमी अब तक केवल पुरुष प्रशिक्षुओं को ही प्रशिक्षण देती रही है. लेकिन सई ने इस परंपरा को चुनौती दी. पूरे देश से सिर्फ तीन लड़कियों का चयन हुआ था और सई ने लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों में पहला स्थान हासिल किया. यह उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और अटूट संकल्प का प्रमाण है. अब सई 2 जनवरी 2026 को सई जाधव उत्तराखंड में 130वीं बटालियन में लेफ्टिनेंट के पद पर कार्यभार संभालेंगी.
कौन हैं सई संदीप जाधव
सई का सपना बचपन में ही आकार लेने लगा था. स्कूल के दिनों में उन्होंने अपने परिवार की राष्ट्रीय सेवा की विरासत को देखा और उसी राह पर चलने का संकल्प लिया. उनके परदादा सूबेदार शंकरराव जाधव ब्रिटिश सेना में रहे, पिता के मामा अनिल घाटगे पायलट थे और उनके पिता मेजर संदीप जाधव पिछले 14 वर्षों से सेना में सेवा दे रहे हैं. तीन पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा ने सई के मन में देशसेवा का भाव और मजबूत किया.
सई ने पिता के तबादलों के कारण सई ने देश के अलग-अलग हिस्सों में पढ़ाई की. उन्होंने जयसिंगपुर हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा शुरू की और अंडमान-निकोबार में भी पढ़ाई की. इसके बाद बेलगाम में 11वीं-12वीं पूरी की. आगे चलकर उन्होंने कोल्हापुर के विवेकानंद कॉलेज से भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई की. फिर पुणे के सिम्बायोसिस कॉलेज से ग्रेजुएशन और एमबीए किया. कॉलेज के दिनों से ही सई ने सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने भाषण कला, नियमित अध्ययन, ट्रेकिंग और शारीरिक फिटनेस पर खास ध्यान दिया. यही अनुशासन और निरंतर अभ्यास उन्हें उनके लक्ष्य तक ले गया.
पिता और बेटी एक ही बल में करेंगे देशसेवा
सई की कहानी को और भी खास बनाती है एक ऐतिहासिक उपलब्धि, प्रादेशिक सेना में पहली बार एक पिता और बेटी साथ सेवा करेंगे. मेजर संदीप जाधव और उनकी बेटी लेफ्टिनेंट सई जाधव, दोनों एक ही बल में देशसेवा करेंगे. यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है.
(रिपोर्टर: दीपक सूर्यवंशी)
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