अमरावती हवाई अड्डा
अमरावती हवाई अड्डा अमरावती हवाई अड्डे के लिए यह पल ऐतिहासिक बन गया, जब आधुनिक मल्टी-इंजन प्रशिक्षण विमानों ने पहली बार रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की. शुक्रवार शाम करीब 5 बजे महज 15 मिनट के अंतराल से दो प्रशिक्षण विमान अमरावती एयरपोर्ट पर उतरे. इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने अधिकारियों और कर्मचारियों ने तालियों और उत्साह के साथ विमानों का स्वागत किया. इन विमानों के आगमन के साथ ही अमरावती में दक्षिण एशिया के सबसे बड़े फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTO) की स्थापना की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. यह केंद्र भविष्य में देश और विदेश के लिए कुशल पायलट तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा.
35 प्रशिक्षण विमानों का बेड़ा, 33 की अभी प्रतीक्षा
प्रशिक्षण केंद्र के लिए कुल 35 विमान निर्धारित किए गए हैं. इनमें से 2 मल्टी-इंजन डायमंड डीए-42 विमान शुक्रवार को अमरावती पहुंचे हैं. शेष बेड़े में 3 ड्युअल-इंजन और 32 सिंगल-इंजन प्रशिक्षण विमान शामिल रहेंगे. रनवे पर लैंडिंग के बाद विमानों का विधिवत पूजन किया गया और इस अवसर को यादगार बनाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों ने विमानों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.
दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा पायलट प्रशिक्षण केंद्र
अमरावती एयरपोर्ट के समीप बन रहा यह पायलट प्रशिक्षण केंद्र दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा माना जा रहा है. यहां हर साल 180 कमर्शियल पायलट तैयार किए जाएंगे. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पायलट एयर इंडिया सहित अन्य प्रमुख एयरलाइंस के लिए सेवाएं देने के योग्य होंगे.
मार्च तक पूरा होगा निर्माण कार्य
प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य अंतिम चरण में है और आगामी मार्च तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा. केंद्र में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें डिजिटल क्लासरूम, पायलटों के लिए हॉस्टल, विमान हैंगर और आधुनिक तकनीकी ढांचा शामिल होगा.
अमरावती को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय पहचान का नया मुकाम
विशेषज्ञों के अनुसार इस परियोजना से अमरावती न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि देश के एविएशन मैप पर एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा. इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी.
ये भी पढ़ें
ये भी देखें