
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन यानी शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी बात रखी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य के कई लोग मानते हैं कि असम की अपनी पहचान, संस्कृति और जमीन खो देने का मूल कारण अप्रवासी मुसलमान हैं. उन्होंने कहा कि असम में समुदाय आधारित राजनीति नहीं थी. अतिक्रमण इसलिए हो रहा था क्योंकि अप्रवासी मुसलमान बड़ी संख्या में बढ़ रहे थे.
हिमंत बिस्वा ने कहा, “बहुत से लोग इस तरह सोचते हैं. ये आजादी के पहले शुरू हुआ था और इतिहास का ये बोझ मैं अपने साथ लिए हूं.” सिपाझार के धौलपुर के तीन गांवों में पिछले महीने हजारों लोगों ने अवैध अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सरकार के बेदखली अभियान का विरोध प्रदर्शन किया था. पुलिस फायरिंग में दो नागरिकों की मौत हो गई थी. वहीं एक पुलिसकर्मी सहित कम से कम 12 अन्य लोग घायल हो गए थे. घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें एक घायल व्यक्ति जमीन पर पड़ा था, जिसे पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा जा रहा था और अन्य लोग उसे कुचल रहे थे. इस घटना से पूरे देश मंम राष्ट्रीय आक्रोश फैल गया और बाद में नागरिक को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.
असम में कहीं नहीं है नफरत
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "असम की कोई नफरत की कहानी नहीं है. हमने उन्हें बेदखल किया क्योंकि वहां 77,000 एकड़ जमीन है और 1,000 परिवार इस जमीन पर कब्जा नहीं कर सकते हैं. हमारी नीति है कि एक परिवार 2 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा नहीं कर सकता है. हमें कई लोगों को जमीन देनी है. अगर लोग जमीन पर अतिक्रमण करते हैं तो हमें उन्हें बेदखल करना होगा. बेदखली एक सतत प्रक्रिया है. स्थानीय असमिया लोगों को भी बेदखल किया जा रहा है. इस पर कोई सांप्रदायिकता नहीं है.”
नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ तेजी से कर रहे हैं काम
हिमंत बिस्वा से जब नशीली दवाओं के खिलाफ असम सरकार के अभियान पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रतिदिन नशीले पदार्थों की वसूली लगभग 2 करोड़ रुपये थी. मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले 100 दिनों में सरकार ने 2,000 तस्करों और 500 भूमि दलालों को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा," हम नशीली दवाओं के तस्करों के खिलाफ तेजी से काम कर रहे हैं. गैंडे की सींग के औषधीय महत्व के भ्रम को खत्म करने के लिए हमने उसके सींग जलाए. हमने भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है और आदिवासी लोगों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं. असम विकास की राह पर है. अगले पांच सालों में असम भारत के शीर्ष राज्यों में से एक होगा.”
प्रियंका गांधी के झाड़ू लगाने के वीडियो पर ली चुटकी
सीतापुर में एक गेस्ट हाउस के फर्श पर झाड़ू लगाने का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर कटाक्ष करते हुए सरमा ने कहा कि इसमें कुछ भी बड़ा नहीं है आम जनता इससे प्रभावित नहीं होगी.
सरमा ने कहा,"मैंने हमेशा अपनी मां को घर में फर्श पर झाड़ू लगाते देखा है. आम जनता इससे प्रभावित नहीं होती. यह कोई बड़ी बात नहीं है. फर्श पर झाड़ू लगाती एक महिला कोई न्यूज नहीं है. आप अपनी मां को बदनाम क्यों कर रहे हैं? जिस तरह से वह (प्रियंका) झाड़ू लगा रही थीं वह भी सही नहीं है."
बता दें कि प्रियंका गांधी को इस सप्ताह की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के एक गेस्ट हाउस में नजरबंद किया गया था. प्रियंका लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश कर रही थीं, जहां हिंसक झड़पों में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे.