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Surat: 500 किमी दूर जाकर बिल्डर ने की शहीद की फैमिली की मदद, 21 लाख रुपए कैश और बच्चों की पढ़ाई का उठाया जिम्मा

सूरत के एक बिल्डर ने सेना के एक शहीद जवान की फैमिली की आर्थिक मदद की. बिल्डर ने फैमिली को 21 लाख रुपए कैश दिए. इतना ही नहीं, बिल्डर ने शहीद के 2 बच्चों की 18 साल की उम्र तक की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है.

Builder helps martyr's family Builder helps martyr's family

एक शहीद सैनिक के परिवार का दर्द सोशल मीडिया पर देखकर सूरत के एक बिल्डर का दिल पसीज गया था. सोश्यल मीडिया पर शहीद सैनिक के परिवार का दर्द देखने के बाद बिल्डर ने शहीद सैनिक के परिवार की आर्थिक और शैक्षणिक रूप से मदद करने के लिए मन ही मन ठान लिया था. इसके बाद वह बिल्डर अपनी टीम के साथ सूरत से करीबन 500 किलोमीटर दूर उस शहीद सैनिक के गांव पहुंचा, जहां उसने परिवार को 21 लाख रुपए नगद राशि की सहायता की. साथ ही शहीद सैनिक के दो बच्चों की 18 वर्ष की आयु तक पढ़ाई के लिए खर्च उठाने का परिवार से वादा किया.

बिल्डर ने की शहीद की फैमिली की मदद-
सूरत शहर में बिल्डर विजय भाई भरवाड़ गोकुलम डेवलपर्स के नाम से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं. विजय भाई भरवाड़ ने सोशल मीडिया पर जब एक शहीद सैनिक के परिवार का दर्द देखा तो उस परिवार की मदद करने से वे खुद को रोक नहीं पाए. शहीद सैनिक के रोते बिलखते परिजनों की व्यथा देखकर उस परिवार की किस तरह मदद की जा सकती है? इसका प्लान बनाया और परिवार की मदद की.

कश्मीर में शहीद हुए थे मेहुल-
गुजरात के भावनगर जिला के निवासी सेना के जवान मेहुल भाई भुवा ऑपरेशन महादेव के अंतर्गत जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. शहीद सैनिक की पत्नी और बच्चों को उन्होंने रोते बिलखते हुए सोशल मीडिया पर देखा था. सोशल मीडिया पर आए वीडियो में सेना में शहीद हुए जवान की घर की आर्थिक स्थित भी ठीक नहीं थी. 

शहीद सैनिक के 2 छोटे-छोटे बच्चे-
बिल्डर विजय भाई भरवाड़ से 21 लाख रूपए नकद शहीद सैनिक के परिवार को सौंपे. इसके अलावा शहीद सैनिक के दो छोटे-छोटे बच्चों की 18 साल की उम्र तक पढ़ाई की जिम्मेदारी भी उन्होंने ली. सूरत से 450 से 500 किलोमीटर दूर चलकर वह शहीद सैनिक के गांव में पहुंचे थे. शहीद सैनिक के परिवार की आर्थिक मदद करने वाले बिल्डर विजय भाई भरवाड़ का कहना है कि सैनिक के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक है और शहीद सैनिक 28 साल का जवान था. जिसके बच्चे भी काफी छोटे हैं. सोशल मीडिया में उनके घर की दुर्दशा और परिवार का दुख देखा था. उसके बाद ही वहां पर वे लोग पहुंचे. 

विजय भाई का कहना है कि शहीद सैनिक के परिवार को मदद करके उन्हें बेहद संतोष मिला है. परिवार भी खुश हुआ है. लेकिन वह अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकते हैं, क्योंकि सेना के जवान मेहुल भाई की जगह कोई नहीं लेता सकता है. परिवार समझ रहा था कि उनका बच्चा शहीद हो गया है तो अब उनके बच्चों की कोई मदद करने वाला नहीं है. लेकिन हमने और हमारी टीम ने उनकी मदद की है.

(संजय सिंह की रिपोर्ट)

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