
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को कोवीशील्ड वैक्सीन के 10 लाख डोज भेजेगा. केंद्र सरकार ने कंपनी को इसकी अनुमति दे दी है. इसके अलावा भारत बायोटेक भी कोवैक्सिन के 10 लाख डोज ईरान भेजेगा. टीकों का एक्सपोर्ट वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत अक्टूबर में किया जाएगा. सीरम को कोवीशील्ड के 3 करोड़ टीके ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका कंपनी को भेजने की अनुमति भी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक सीरम के डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने बीते अगस्त में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से इसकी अनुमति मांगी थी. स्वास्थ्य मंत्री ने 20 सितंबर को कहा था कि वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत भारत बचे हुए टीके जल्द ही जरूरतमंद देशों को निर्यात करना शुरू कर देगा.
क्या है वैक्सीन मैत्री
वैक्सीन मैत्री 20 जनवरी 2021 को भारत सरकार की ओर से शुरू की गई एक पहल है. इसके पहल का मकसद दुनियाभर के देशों में वैक्सीन डोज का निर्यात करना और उनके साथ बेहतर संबंध स्थापित करना है. बीजेपी के विदेश मामलों के विभाग प्रभारी और वैज्ञानिक विजय चौथाईवाले वैक्सीन मैत्री का फायदा बताते हुए कहते हैं कि कई देशों के साथ हमारी सीमा लगी हुई है. इसलिए वहां कोरोना संक्रमण फैलने पर असर हमारे देश में भी दिखाई दे सकता है. हमारे पड़ोसी देशों में वैक्सीनेशन होने का मतलब है, हमें भी मजबूती मिलेगी.
रैपिड एंटीजन जांच किट के निर्यात पर लगी रोक भी हटी
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रैपिड एंटीजन जांच किट के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई गई रोक को भी हटा दिया है. सरकार ने कई विशेषज्ञों की कोविड महामारी (Covid-19 pandemic) की संभावित तीसरी लहर की चेतावनी के बीच निर्यात पर रोक लगा दी थी. इस प्रतिबंध का मकसद किट की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाना था, लेकिन बदलते वक्त के साथ कोरोना मामले में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने अब इस प्रतिबंध को हटा दिया है, जिससे दूसरे देशों को कोरोना से जंग लड़ने में मदद मिलेगी.
जल्द देश में लगेगी जाइडस की वैक्सीन
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जाइडस कैडिला के कोविड वैक्सीन को पेश करने की तैयारी चल रही है. ये केवल थोड़े समय की बात है. तीन डोज की इस वैक्सीन का इस्तेमाल 12-18 वर्ष के किशोरों के टीकाकरण के लिए होना है. देश के ड्रग रेगुलेटर ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने 20 अगस्त को ही इस टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी.