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कोरोना वायरस कहां से पैदा हुआ? यह जानने की आखि‍री कोशि‍श! WHO की समिति में दुनियाभर से 26 विशेषज्ञ होंगे शामिल

COVID-19 के मूल का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)ने एक वैज्ञानिक सलाहकार समूह की स्थापना की है. समिति का लक्ष्य कोराना वायरस की उत्पत्ति की पहचान करना और भविष्य के अन्य घातक रोगजनकों के प्रकोप को रोकने की तैयारी करना है. डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक सलाहकार समूह या एसएजीओ(SAGO)में यू.एस., चीन और लगभग दो दर्जन अन्य देशों के वैज्ञानिक शामिल होंगे

Covid Covid
हाइलाइट्स
  • भविष्य के रोगजनकों को समझना आवश्यक - टेड्रोस

  • कोरोना के मूल का पता लगाने का आखिरी मौका

  • टेड्रोस ने कहा प्रयोगशाला में हुई दुर्घटना से इनकार नहीं कर सकते

COVID-19 के मूल का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)ने एक वैज्ञानिक सलाहकार समूह की स्थापना की है. समिति का लक्ष्य कोराना वायरस की उत्पत्ति की पहचान करना और भविष्य के अन्य घातक रोगजनकों के प्रकोप को रोकने की तैयारी करना है. डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक सलाहकार समूह या एसएजीओ(SAGO)में यू.एस.,चीन और लगभग दो दर्जन अन्य देशों के वैज्ञानिक शामिल होंगे. समिति में इस सवाल का जवाब ढूंढ़ा जाएगा कि कोरोनवायरस ने पहली बार मनुष्यों को कैसे संक्रमित किया? यह अभी भी एक रहस्य है, जिसने पिछले18 महीनों से विशेषज्ञों को संशय में रखा है. इसके अलावा समूह भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने के लिए भी जिम्मेदार होगा.

कोरोना के मूल का पता लगाने का आखिरी मौका
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सार्स-कोव-2 वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए यह आखिरी मौका हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने चीन से भी वायरस से जुड़े शुरुआती आंकड़े मुहैया कराने को कहा है. डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि महामारी से जुड़े शुरुआती आंकड़े नहीं मिलने से पहली जांच प्रभावित हुई थी. टेड्रोस ने आगे कहा, "महामारी और महामारी फैलाने की क्षमता वाले नए वायरस का उभरना प्रकृति का एक तथ्य है और चूंकि SARS-CoV-2 इस तरह का नवीनतम वायरस है इसलिए यह अंतिम नहीं हो सकता."

भविष्य के रोगजनकों को समझना आवश्यक
सागो समूह के प्रस्तावित सदस्यों में छह विशेषज्ञ शामिल हैं, जिन्होंने पिछली टीम के साथ चीन का दौरा किया था. कोरोनावायरस के अलावा, सागो अन्य उच्च जोखिम वाले रोगजनकों की उत्पत्ति पर भी ध्यान देगा. टेड्रोस ने कहा, "भविष्य के प्रकोप को रोकने के लिए नए रोगजनकों को समझना आवश्यक है."साइंस जर्नल में एक संयुक्त संपादकीय में डॉ टेड्रोस और डब्ल्यूएचओ के अन्य अधिकारियों ने कहा,"एक प्रयोगशाला में हुई दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है."
"डब्ल्यूएचओ के लिए प्रस्तावित SAGO सदस्यों पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दो सप्ताह की सार्वजनिक परामर्श अवधि होगी. कोविड-19 पर डब्लूएचओ की तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने कहा कि दुनिया को भविष्य में आने वाले किसी भी रोग (रोग X)के लिए बेहतर रूप से तैयार रहना चाहिए." 

क्या चीनी लैब से लीक हुआ वायरस?
चीनी शहर वुहान में वायरस का पता चलने के बाद से डेढ़ साल से अधिक समय बीत चुका है. अभी तक यह पता नहीं चला कि वायरस पहली बार कैसे उभरा? टीम इस बात पर विचार करेगी कि क्या वायरस वुहान के बाजारों में जानवरों से इंसानों में पहुंचा या प्रयोगशाला दुर्घटना में लीक हुआ? हालांकि चीन ने वायरस के लैब में लीक होने की बात को सिरे से खारिज किया है. फरवरी में डब्ल्यूएचओ की एक टीम कोविड की उत्पत्ति की जांच करने के लिए चीन गई थी जहां उन्होंने पाया कि वायरस शायद चमगादड़ से आया था, हालांकि उस पर और काम करने की आवश्यकता थी.