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पश्चिम बंगाल: किताबों की दुनिया में समाया पंडाल, 200 कारीगरों का कमाल

पश्चिम बंगाल का दुर्गा पूजा अपने पंडालों की वजह से खास होता.यहां दूर्गा पूजा उत्सव के दौरान तरह-तरह के पंडाल बनाए जाते हैं.हर पंडाल की अपनी थीम होती है, कुछ ऐसे पंडालों में आपको लिए चलते हैं. अलग अलग थीम पर बने पांडालों की रौनक छाई हुई है.शानदार सजावट से सुसज्जित ऐसा ही ये एक पांडाल है...मायेर छोआ...मतलब मां का छुआ हुआ. इस पांडाल में एक मां के जरिए दूसरी मां...यानी मां दुर्गा को चित्रित किया गया है.हर किसी के जीवन में मां का जो स्थान होता है,उसे ही इस पांडाल में दर्शाने की कोशिश की गई है.पंडाल पूरी तरह ईको फ्रेंडली है.इसमें बांस, बांस की बनी चूड़ी, हाथ के पंखे, इस्तेमाल किए गए हैं. देखें ये रिपोर्ट

Babubagan is a brand for Durga Puja in Bengal. In diamond Jubilee year the theme is "Banglar Nabajagoroner 200 bachelor (Bengal Renaissance). The portraits of the legends of Bangla as well as their creativity is shown here in a library in the Mandap. Pratima is traditional and made of mud looks like a printed one. Pratima is inside a book. Watch the video to know more.