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सालों से घुटनों के दर्द से परेशान था मरीज, रोबोटिक सर्जरी की बदौलत हुआ ठीक, 18 घंटे बाद ही अस्पताल से मिली छुट्टी

मरीज लंबे समय से गंभीर घुटनों के दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत से जूझ रहा था. उसे एडवांस बायलेटरल ऑस्टियोआर्थराइटिस विद वेरस डिफॉर्मिटी थी, जिसमें दोनों पैरों के घुटने अंदर की ओर मुड़ जाते हैं और चलना बेहद मुश्किल हो जाता है.

Bilateral Knee Replacement (Representative Image) Bilateral Knee Replacement (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • 66 साल के मरीज ने रचा रिकॉर्ड

  • रोबोटिक सर्जरी की बदौलत हुआ ठीक

घुटनों के दर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है. दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत में 66 साल के मरीज को बायलेटरल टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के सिर्फ 18 घंटे बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया. आमतौर पर इस तरह की सर्जरी के बाद मरीजों को अस्पताल में 3-4 दिन तक रुकना पड़ता है.

क्या है बायलेटरल ऑस्टियोआर्थराइटिस
यह मरीज लंबे समय से गंभीर घुटनों के दर्द और चलने-फिरने में दिक्कत से जूझ रहा था. उसे एडवांस बायलेटरल ऑस्टियोआर्थराइटिस विद वेरस डिफॉर्मिटी थी, जिसमें दोनों पैरों के घुटने अंदर की ओर मुड़ जाते हैं और चलना बेहद मुश्किल हो जाता है. रोजमर्रा के काम करना भी उसके लिए चुनौती बन गया था. कई गैर-सर्जिकल इलाज आजमाने के बावजूद उसे राहत नहीं मिल रही थी. 

रोबोटिक तकनीक और नई इम्प्लांट से मिली मदद
ये सर्जरी मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के चेयरमैन डॉ. सुजॉय भट्टाचार्य और उनकी टीम ने की. उन्होंने एडवांस्ड मीडियल पिवट नी इम्प्लांट्स का इस्तेमाल किया, जिससे मरीज की बिना ब्लड ट्रांसफ्यूजन के ही सफल सर्जरी हो सकी.

Bilateral Knee Replacement at Max Hospital

रिकवरी की स्पीड हैरान करने वाली
डॉ. भट्टाचार्य ने बताया, आमतौर पर नी रिप्लेसमेंट के बाद मरीज को कम से कम 3-4 दिन अस्पताल में रखना पड़ता है. लेकिन इस केस में मरीज को 1 सितंबर की शाम को भर्ती किया गया, 2 सितंबर को ऑपरेशन हुआ और 3 सितंबर की सुबह यानी महज 18 घंटे बाद वह घर चला गया. यह वाकई चौंकाने वाली और प्रेरणादायक रिकवरी है. हमारा फोकस प्रिसिजन इम्प्लांट टेक्नोलॉजी, रोबोटिक असिस्टेंस और एन्हांस्ड रिकवरी प्रोटोकॉल पर रहता है. इसी वजह से ऐसे परिणाम संभव हो पाते हैं, जो पहले सोचना भी मुश्किल था.”

मरीजों के लिए नई उम्मीद
यह उपलब्धि हर उस मरीज के लिए बड़ी राहत है, जो घुटनों के दर्द से परेशान है. रिकॉर्ड समय में डिस्चार्ज होना यह साबित करता है कि कटिंग-एज टेक्नोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी से रिकवरी अब पहले से कहीं ज्यादा तेज हो सकती है. ये सर्जरी बताती है कि अब घुटनों की बीमारी के बावजूद मरीज जल्दी से जल्दी अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं.