
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के डॉक्टरों ने एक 44 वर्षीय महिला पर सफल बैरियाट्रिक सर्जरी (स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी) कर मेडिकल सेक्टर में नई मिसाल पेश की है. यह महिला, दिल्ली के संगम विहार की रहने वाली हाउसवाइफ हैं, जिनका वजन 146.5 किलो और BMI 80.4 था. यह मामला सुपर-सुपर मोटापे की कैटेगरी में आता है, जो बहुत दुर्लभ माना जाता है।
बेहद गंभीर थी मरीज की स्थिति
पिछले 12 वर्षों से महिला का वजन लगातार बढ़ रहा था. 3 सालों से डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद वजन नहीं घटा. पिछले कुछ महीनों में उन्हें सांस लेने में तकलीफ, थकान, अंगों में कमजोरी और नींद न आने की गंभीर समस्या होने लगी. वह CPAP वेंटिलेटर पर पूरी तरह निर्भर थीं. बेड रिडन हो चुकी थीं और रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पा रही थीं. नींद में कभी-कभी सांस रुकने की बीमारी (Obstructive Sleep Apnea) से जूझ रही थीं.
इलाज की लंबी प्रक्रिया
मल्टी-स्पेशियलिटी टीम ने संभाली कमान
मरीज की स्थिति गंभीर थी- टाइप-2 रेस्पिरेटरी फेलियर, राइट हार्ट फेलियर, लीवर सिरोसिस (Child B) और पल्मोनरी हाइपरटेंशन जैसी मुश्किलों के बावजूद सर्जरी का निर्णय लिया गया.
ऑपरेशन की बड़ी चुनौतियां
सफल रही सर्जरी
सुपर-सुपर मोटापे में सर्जरी क्यों जरूरी
सर्जरी के लिए मल्टी-स्पेशियलिटी टीम, ICU सपोर्ट, और पोस्ट-ऑपरेटिव रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है.
AIIMS टीम की उपलब्धि
AIIMS की यह उपलब्धि भारतीय चिकित्सा विज्ञान के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है. मरीज के अगले कुछ महीनों में CPAP से पूरी तरह मुक्त होने, वजन कम होने, और लीवर व फेफड़ों की स्थिति में सुधार की संभावना है.
(मिलन शर्मा की रिपोर्ट)
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