
'मेरा बेटा इंजीनियर बनेगा'
यह वो लाइन है जो फिल्म '3 Idiots' में फरहान कुरैशी का किरदार निभा रहे आर माध्वन को उनके पिता, उनकी पैदा होने पर कहते हैं. लेकिन फिल्म में फरहान कुरैशी का रूझान फोटोग्रफी की तरफ दिखाया गया है. लेकिन एक तरफ पैशन, दूसरी तरफ मजबूरी में फरहान पिसते है और कॉलेज में खराब नंबर लाते हैं.
ऐसा ही आजकल के युवाओं में देखने को मिल रहा है जो पढ़ाई में पैरेंट्स के दवाब, उम्मीदों और कॉलेज में दाखिले को लेकर परेशान रहते हैं. कई छात्र सरकारी नौकरी की तैयारी में कई साल लगा देते हैं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग पाती. ऐसे हालातों में छात्र तनाव की तरफ खींचते चले जाते हैं.
वह जिन चीज़ों का इस्तेमाल तनाव से बाहर निकलने के लिए करते हैं, वह उनकी ज़िंदगी को और खराब करती है. वह गेमिंग, ओटीटी जैसी चीज़ों की तरफ चले जाते हैं और खुद को समाज से अलग कर लेते हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े?
'आईसी3 स्टूडेंट सुसाइड रिपोर्ट 2025' के मुताबिक, तनाव में जी रहे छात्र खुद को तनाव से बाहर निकालने से लिए खुद को डिस्ट्रैक्ट करते है. इसमें वे गेमिंग और ओटीटी की तरफ चले जाते हैं. वह तनाव से बाहर आने का कोई हेल्दी तरीका नहीं खोजते, जैसे व्यायाम, योग आदि.
रिपोर्ट के आंकडे बताते हैं कि 40 फीसदी छात्र तनाव में सबसे पहले खुद को दूसरे से अलग कर लेते हैं. वह अकेलेपन में जीना पसंद करने लगते है. तो वहीं 30 फीसदी छात्र ओटीटी और सोशल मीडिया पर वक्त ज़ाया करने लग जाते हैं. वहीं 25 फीसदी छात्र मानते हैं कि तनाव से बाहर आने के लिए गेमिंग अच्छा ऑप्शन है. केवल 15 फीसदी ऐसे छात्र है जो काउंसलिंग, योग और एक्सरसाइज जैसे हेल्दी ऑप्शन को अपनाते हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव से बाहर निकलने के लिए जो लोग डिस्ट्रैक्शन का रास्ता अपनाते हैं. वह अपनी नींद के साथ समझौता कर रहे होते हैं. और ठीक नींद न आने के कारण इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है. साथ ही अकेलेपन में उन्हें ज़हन में सुसाइडल थॉट्स भी आते हैं. ऐसे में संस्थानों में काउंसलिंग को स्कूल-कॉलेज का कल्चर बनाना चाहिए.
कई मामलों में छात्र सेल्फ केयर के नाम पर गाने सुनते हैं या किसी और नॉन प्रोडक्टिव काम में शामिल होते हैं. लेकिन उन्हें सेल्फ केयर को समझने की जरूरत है. सेल्फ केयर के लिए वह योग और एक्सरसाइज़ कर सकते हैं. लेकिन तनाव की स्थिति में उन्हें मेडिकल हेल्प जरूर लेनी चाहिए.