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Lung Transplant करने वाला दूसरा सरकारी अस्पताल बना AIIMS दिल्ली, ब्रेन डेड सैनिक ने बचाई तीन जिंदगियां

AIIMS दिल्ली में पहली बार लंग ट्रांसप्लांट किया गया. अस्पताल के पांच विभाग- कार्डियक थोरेसिक सर्जरी, जनरल सर्जरी विभाग के थोरेसिक सर्जरी डिविजन, पल्मोनरी मेडिसिन, कार्डियोलाजी व कार्डियक एनेस्थीसिया के डाक्टरों की टीम इस सर्जरी में शामिल हुई. फिलहाल, महिला मरीज को आइसीयू में रखा गया है.

Representational Image (Photo: Unsplash) Representational Image (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • AIIMS दिल्ली में पहली बार हुआ लंग ट्रांसप्लांट 

  • ऐसा करने वाला देश का दूसरा अस्पताल

अखिल भारतीय आयुर्वेविज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) दिल्ली में पहली बार सफलतापुर्वक लंग ट्रांसप्लांट किया गया. हाल ही में, एक 35 वर्षीया महिला का लंग ट्रांसप्लांट किया गया और अब महिला बिल्कुल सुरक्षित है. इसके बाद, AIIMS देश का दूसरा सरकारी अस्‍पताल बन गया है जहां लंग ट्रांसप्‍लांट किया गया है.  

भारत में अब तक चंडीगढ़ का PGIMER ही इकलौता सरकारी अस्‍पताल था जहां लंग ट्रांसप्‍लांट हो चुका है. हालांकि, देश के कई निजी अस्पतालों में लंग ट्रांसप्लाट ऑपरेशन किया जा रहा है. 

सैनिक ने मौत के बाद भी बचाई जानें

आपको बता दें कि भारतीय सेना के एक सैनिक मुरली मनोहरन को रोड एक्‍सीडेंट के बाद सेना अस्‍पताल ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. जिसके बाद उनकी पत्‍नी कौशल्‍या ने उनके अंगदान करने का फैसला किया. सैनिक मुरली के अंगों से तीन मरीजों को नई जिंदगी मिली है.  साथ ही, इनकी आंखों से दो लोगों को नई रोशनी भी मिली है. 

उनके दिल को मुंबई के जसलोक अस्‍पताल और लिवर को दिल्‍ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बाइलरी साइंसेज में ट्रांसप्लांट के लिए भेजा गया. वहीं, उनके लंग्स AIIMS दिल्ली भेजे गए. क्योंकि यहां पर एक महिला दो साल से वेटिलेटर पर थी और सिर्फ लंग ट्रांसप्लांट से ही उनकी जिंदगी बच सकती थी. 

AIIMS दिल्ली में पहली बार हुआ लंग ट्रांसप्लांट 

बताया जा रहा है कि महिला को सिस्टिक फाइब्रोसिस था जो लंग्स को खराब कर देता है. जिस कारण वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थीं. ऐसे में उनके पास एक ही इलाज का विकल्प था- लंग ट्रांसप्‍लांट. समय पर मुरली के लंग्स मिलने के कारण इस महिला की सर्जरी हो पाई. हालांकि, आने वाले कुछ दिन क्रिटिकल हैं. पर सरकारी अस्पताल में इस तरह की सफल सर्जरी से लोगों को एक उम्मीद मिली है.