
इस बात को तो लगभग सभी जानते हैं कि स्मोकिंग करता हमारी सेहत के लिए खतरनाक है. इस बात को तो किसी फिल्म में दिखाएं जा रहे स्मोकिंग सीन के दौरान भी दिखाया जाता है. साथ ही तंब्बाकू वाले उत्पाद के पैकेट पर भी लिखा होता है. लेकिन शायद हमारे दिमाग में यही बात बैठा दी गई है कि इससे फेफड़े ज्यादा खराब होते हैं. पर मामला इससे भी काफी आगे का है. स्मोकिंग करने से शरीर में कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं.
News18 की एक खबर में इस बात को उजागर किया गया है कि ऐसी कौनसी चीज़े हैं जिनका प्रभाव स्मोकिंग के कारण शरीर पर पड़ता है. लेकिन लोगों को को इन बातों के बारे में पता ही नहीं होता है.
ओरल हेल्थ
दांतों का पीला पड़ना, शायद एक आम बात हो सकती है. लेकिन स्मोकिंग के कारण हमारे मसूड़ों पर भी काफी गहरा प्रभाव पड़ता है. इससे यह सूज जाते हैं. साथ ही इनमें खून का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ना इनके लिए मुश्किल हो जाता है. साथ ही कई बार मसूड़ों से खून भी आ सकता है.
स्मोकिंग के कारण जो नुकसान मसूड़ों पर होता है. वह शुरुआत में उतना नहीं दिखता. लेकिन जब काफी समय बीत जाता है तब पता लगा है कि मसूड़ों को कितनी ज्यादा मात्रा में नुकसान पहुंचा है. शुरुआती लक्षण को अगर अनदेखा किया जाए तो परेशानी वक्त के साथ बढ़ती जाती है.
हड्डियों में कमजोरी
स्मोकिंग को हड्डियों की कमजोरी से जोड़ना थोड़ा अजीब लगता है. पर ऐसा कनेक्शन मौजूद है. दरअसल स्मोकिंग के कारण शरीर कैल्शियम को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता है. ऐसा ही उन सेल्स के साथ होता है जो हड्डियां बनाने में मदद करते हैं. अब जब हड्डियां ही कमजोर होंगी तो फ्रैक्चर होना काफी आम हो जाएगा. इसके अलावा हड्डियों से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है.
साथ ही अगर कोई सर्जरी होती है. तो उसे हील करने में भी काफी समय लग जाता है. क्योंकि हड्डियां पहले के मुकाबले काफी कमजोर होती है. जिससे रिकवरी थोड़ी लेट होती है.
बिगड़ सकता है हार्मोन बैलेंस
स्मोकिंग की आदत से लोगों का हार्मोन बैलेंस बिगड़ जाता है. खासतौर पर महिलाओं में देखें तो उनके साथ पीरियड्स में दिक्कत होती है. इसके अलावा एक स्टडी में तो यहां तक पाया गया है कि स्मोकिंग की आदत से महिलाओं में इनफर्टिलिटी होती है. National Health and Nutrition Examination Survey में 3665 महिलाएं, 18-45 साल की उम्र, की ली गई. और उनका एनालिसिस किया गया. इसमें पाया गया कि स्मेकिंग करने वाली करीब 41.8 फीसद महिलाएं इनफर्टिलिटी की शिकार हैं.
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
स्मोकिंग करने वालों का इम्यून सिस्टम भी कमजोर पाया गया. स्मोकिंग करने के कारण शरीर में एंटीबॉडी कम संख्या में बनती हैं. जो व्हाइट ब्लड सेल के काम करने के तरीके में दखल डालती हैं. इस वजह से किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने में व्हाइट ब्लड सेल अपनी पूरी क्षमता से नहीं लड़ पाते.