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Assamese Black Rice: सेहत का खज़ाना है असम में उगने वाला ब्लैक राइस... जानिए दूसरे चावल से कैसे होता है अलग, किन बीमारियोंं में खाना है फायदेमंद

Assamese Black Rice Chak Hao: आम चावल (सफेद चावल) और चक हाओ में कई अंतर हैं. सफेद चावल को रिफाइंड किया जाता है, जिसमें ब्रान और जर्म की परत हटा दी जाती है, जिससे इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं. वहीं, चक हाओ एक साबुत अनाज है, जिसमें ब्रान, जर्म और एंडोस्पर्म सभी मौजूद होते हैं, जिससे यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है.

Black rice (Photo: Freepik) Black rice (Photo: Freepik)

स्थानीय रूप से चक हाओ के नाम से मशहूर असम का ब्लैक राइस सेहत से जुड़े अपने फायदों के कारण तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है. यह एक खास तरह का साबुत अनाज है जो अपनी अनूठी विशेषताओं, पोषण मूल्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह चावल असम और मणिपुर के क्षेत्रों में उगाया जाता है और इसका गहरा काला या बैंगनी रंग इसे अन्य चावलों से अलग करता है. 

पकने के बाद इस चावल का रंग हल्का बैंगनी हो जाता है और इसका स्वाद हल्का मीठा, नट्स जैसा होता है. चक हाओ का इस्तेमाल त्योहारों और पारंपरिक समारोहों में किया जाता है. इसके स्वाद और स्वास्थ्य से जुड़े फायदों के लिए इसे "चावल का राजकुमार" भी कहा जाता है. लेकिन इसमें ऐसा क्या खास है? आइए करीब से जानते हैं असम के ब्लैक राइस को. 

आम चावल से कैसे अलग है चक हाओ?
आम चावल (सफेद चावल) और चक हाओ में कई अंतर हैं. सफेद चावल को रिफाइंड किया जाता है, जिसमें ब्रान और जर्म की परत हटा दी जाती है, जिससे इसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं. वहीं, चक हाओ एक साबुत अनाज है, जिसमें ब्रान, जर्म और एंडोस्पर्म सभी मौजूद होते हैं, जिससे यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है. चक हाओ का गहरा काला रंग एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता है, जो इसे बैंगनी शकरकंद या ब्लूबेरी जैसा बनाता है. 

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सफेद चावल में यह एंटीऑक्सीडेंट नहीं होता. इस वजह से चक हाओ का स्वाद भी नट्स जैसा होता है. चक हाओ में सफेद चावल की तुलना में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज ज्यादा होते हैं. सफेद चावल मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है, जबकि चक हाओ एक सुपरफूड है. अगर बात स्वास्थ्य की करें तो चक हाओ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 42-45 होता है, जबकि सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 70-89 के बीच होता है. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मतलब है कि चक हाओ डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बेहतर हैं.

सेहत के लिए कैसे हैं चक हाओ?
दूसरे चावलों की तुलना में चक हाओ सेहत के लिए भी बहुत अच्छे हैं क्योंकि इनमें पोषक तत्व ज्यादा पाए जाते हैं. मिसाल के तौर पर, 100 ग्राम कच्चे चक हाओ में सिर्फ 350 किलो कैलोरी होती हैं, जबकि इसमें 8-9 ग्राम प्रोटीन, 3-4 ग्राम फाइबर और करीब 70 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाते है. चक हाओ में विटामिन ई, विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और फास्फोरस भी पाया जाता है.

चक हाओ में एंथोसायनिन नाम का एंटीऑक्सिडेंट भी दूसरे चावलों की तुलना में ज्यादा होता है. यह फ्लेवोनोइड पिगमेंट दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, कैंसर को बढ़ने से रोकता है और शरीर के अंदर की सूजन और दर्द को भी कम करता है.

चक हाओ में ज्यादा फाइबर और प्रोटीन की मात्रा लंबे समय तक पेट भरा हुआ रखती है, जिससे भूख कम लगती है. यह वजन घटाने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में सहायक है. इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर को स्थिर रखता है, जो मोटापे से संबंधित समस्याओं को कम करता है. ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स भी इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाते हैं. यह चावल पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं. ज्यादा फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, कब्ज से राहत देती है और आंत के बैक्टीरिया को स्वस्थ रखती है. 

कैसे करें इस्तेमाल?
चक हाओ को कई तरीकों से खाने में शामिल किया जा सकता है. आप इसके पकाकर ठंडा कर सकते हैं और सब्जियों या फलियों के साथ सलाद बना सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी रोज़ाना की डाइट में इसे सफेद चावल की जगह शामिल कर सकते हैं. चाहें तो खीर या दूसरी पारंपरिक मिठाइयों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका रोज़ाना इस्तेमाल शायद आपके बजट पर भारी पड़ सकता है लेकिन सेहत के लिए ज़रूरत है तो यह बुरा विकल्प नहीं.