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Brain Dead: मरने के बाद भी BSF जवान ने 4 लोगों को दी नई जिंदगी, ब्रेन डेड के बाद परिवार ने किया अंगदान

बीएसएफ (BSF) के जवान ने मरने के बाद 4 लोगों को नई लाइफ दी है. एक हादसे में बीएसएफ जवान घायल हो गए थे. इलाज के बाद डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार ने मृतक के अंग दान करने की अनुमति दे दी. इससे लोगों को नया जीवन मिला है.

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हाइलाइट्स
  • एक्टिवा स्लिप होने से घायल हुआ BSF जवान

  • BSF जवान ब्रेन डेड घोषित

  • परिवार ने BSF जवान का अंगदान किया

भारतीय सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हैं. दुश्मन के हमले का सामना बीएसएफ ही करते हैं. बीएसएफ के एक जवान ने देश की रक्षा की. इसके अलावा मरने के बाद भी उस जवान ने 4 जरुरतमंद लोगों को नई जिंदगी दे दी.अहमदाबाद सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड बीएसएफ के जवान का अंगदान किया गया है. 

मृतक बीएसएफ जवान के अंगदान से चार लोगों को नई जिंदगी मिली है. मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले 48 साल के राधाकृष्ण राय ने मरने के बाद अंगदान किया है. बीएसएफ जवान राधाकृष्ण राय के अंगदान हार्ट, लीवर और दो किडनी समेत 4 अंगों के दान से चार लोगो को नया जीवन मिला है.

पश्चिम बंगाल के रहने वाले 48 साल के राधाकृष्ण राय की गुजरात के गांधीनगर में तैनाती थी. एक हादसे की वजह से राधाकृष्ण राय को गंभीर चोट लगी. अस्पताल में कुछ दिन भर्ती रहने के बाद बीएसएफ जवान को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार ने अंगदान का फैसला लिया.

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कैसे हुआ हादसा?
बीती 29 जून के रोज नाना चिलोड़ा में रात 8 बजे एक्टिवा स्लिप होने की वजह से राधाकृष्ण राय गंभीर रूप से घायल हुए थे. आनन-फानन में बीएसएफ जवान राधाकृष्ण राय को पहले गांधीनगर सिविल अस्पताल लाया गया. हालत को देखने के लिए घायल राधाकृष्ण राय को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में रेफर किया गया.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में राधाकृष्ण राय का 72 घंटे तक इलाज चला. 3 जुलाई के दिन डॉक्टरों ने राधाकृष्ण राय को ब्रेन डेड घोषित किया. इसके बाद अस्पताल की टीम ने परिवार के साथ बातचीत करके काउंसलिंग की. परिवार को ब्रेन डेड के बारे में जानकारी दी और ब्रेन डेड के बारे में समझाया गया. परिजनों ने अंगदान के लिए अस्पताल को अनुमति दी.

4 लोगों को मिली नई जिंदगी
ब्रेन डेड BSF के जवान राधाकृष्ण राय का हार्ट, लीवर और दो किडनी समेत चार अंगों को दान किया गया. इसमें से हार्ट सिविल मेडिसिटी कैंपस में यूएन मेहता अस्पताल में दान किया गया. लीवर और दोनों किडनी सिविल मेडिसिटी कैंपस की किडनी अस्पताल में जरूरतमंद मरीज में प्रत्यारोपण करने के लिए भेजा गया. BSF के जवान राधाकृष्ण राय के चार अंगों के दान से चार मरीजों को नया जीवन हासिल हुआ.

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, ब्रेनडेड BSF के जवान ने सेना में अपनी जिम्मेदारी निभाई. उसके बाद जब मौत हुई, उस समय भी चार अंगों के दान से चार मरीजों के घर में उम्मीद की किरण छोड़ गए. इसके लिए हमेशा हम उनके आभारी रहेंगे. 

अंगदान को लेकर डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा, अब तक 199 अंगदान के माध्यम से 652 अंग दान में हासिल हुए है. इसमें 174 लीवर, 362 किडनी, 13 स्वादुपिंड, 63 हार्ट, 32 फेफड़ें, 6 हाथ और 2 छोटी आंत शामिल है. इसके अलावा सिविल अस्पताल की स्किन बैंक में अब तक 21 स्किन का दान हासिल हुआ है. अब तक अंगदान के माध्यम से 633 लोगों को नई जिंदगी देने में सफलता हासिल की.