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Daily Soap Bathing Side Effects: रोज साबुन से नहाना बन सकता है आपकी स्किन का दुश्मन! कितने दिन के गैप पर इसे लगाएं?

अब आप सोच रहे होंगे कि साबुन के बिना साफ-सुथरे कैसे रहा जाए? जवाब आसान है- प्रकृति के पास हर समस्या का हल है! नहाने के पानी में नीम की पत्तियां, गुलाबजल या नींबू का रस मिलाकर नहाएं. ये प्राकृतिक चीजें त्वचा को साफ और तरोताजा रखती हैं. बेसन और दूध से बना उबटन भी त्वचा को कोमल बनाता है.

रोज साबुन से नहाना चाहिए या नहीं (फोटो/Unsplash) रोज साबुन से नहाना चाहिए या नहीं (फोटो/Unsplash)

क्या आप हर दिन साबुन से रगड़-रगड़कर नहाते हैं, ये सोचकर कि इससे आपकी त्वचा चमक उठेगी और आप साफ-सुथरे रहेंगे? लेकिन रुकिए! क्या आप जानते हैं कि रोज साबुन से नहाना आपकी स्किन का सबसे बड़ा दुश्मन बन सकता है? जी हां, वो साबुन जो आपको साफ करने का वादा करता है, वही आपकी त्वचा को रूखा, बेजान और बीमार बना सकता है!

साबुन स्किन का दोस्त है या दुश्मन?
हर सुबह नहाने के लिए साबुन का इस्तेमाल करना हमारी आदत बन चुका है. टीवी विज्ञापनों में चमकती त्वचा और साबुन की खुशबू का जादू हमें ऐसा लुभाता है कि हम बिना सोचे-समझे साबुन से नहाने लगते हैं. लेकिन डर्मेटोलॉजिस्ट्स और स्किन एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोज साबुन से नहाना आपकी त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकता है. आपकी त्वचा पर एक प्राकृतिक तेल की परत होती है, जिसे सीबम कहते हैं. ये तेल त्वचा को नमी देता है और बैक्टीरिया से बचाता है. लेकिन साबुन इस प्राकृतिक तेल को छीन लेता है, जिससे त्वचा रूखी, खुजलीदार और संवेदनशील हो जाती है.

खासकर सर्दियों में, जब हवा में नमी कम होती है, रोज साबुन का इस्तेमाल त्वचा को और ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. क्या आपने कभी नहाने के बाद त्वचा में खिंचाव या खुजली महसूस की है? ये उसी रूखेपन का नतीजा है! और चौंकाने वाली बात? ज्यादा साबुन इस्तेमाल करने से एक्जिमा, सोरायसिस जैसी स्किन प्रॉब्लम्स का खतरा भी बढ़ सकता है. तो क्या आपको साबुन को अलविदा कह देना चाहिए? चलिए, इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं!

रोज साबुन क्यों नहीं है जरूरी?
स्किन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारी त्वचा को पूरी तरह साफ करने के लिए रोज साबुन की जरूरत नहीं होती. आपकी त्वचा खुद को साफ रखने में सक्षम है, बशर्ते आप नियमित रूप से पानी से नहाएं. पसीने और गंदगी को हटाने के लिए गुनगुने पानी और हल्के क्लींजर काफी हैं. रोज साबुन का इस्तेमाल सिर्फ उन जगहों पर करें, जहां पसीना ज्यादा आता है, जैसे बगल, पैर और प्राइवेट पार्ट्स. बाकी शरीर के लिए सादा पानी ही काफी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि साबुन में मौजूद केमिकल्स, जैसे सोडियम लॉरिल सल्फेट और पैरबेन्स, त्वचा की नमी को सोख लेते हैं. कुछ साबुनों में मौजूद सुगंध और डाई त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं. अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो साबुन का रोजाना इस्तेमाल एलर्जी या रैशेज का कारण बन सकता है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों की त्वचा ज्यादा नाजुक होती है, इसलिए उनके लिए साबुन का कम इस्तेमाल करना बेहतर है.

क्या है सही तरीका?
तो क्या आपको साबुन को पूरी तरह छोड़ देना चाहिए? नहीं! साबुन का इस्तेमाल जरूरी है, लेकिन समझदारी के साथ. डर्मेटोलॉजिस्ट्स सलाह देते हैं कि माइल्ड साबुन या सिंप क्लींजर का इस्तेमाल करें, जिसमें मॉइश्चराइजिंग तत्व हों, जैसे ग्लिसरीन या शिया बटर. हफ्ते में 2-3 बार ही पूरे शरीर पर साबुन लगाएं. गर्मियों में अगर आप ज्यादा पसीना बहाते हैं, तो साबुन का इस्तेमाल बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सर्दियों में इसे कम करें.

नहाने के बाद त्वचा को तुरंत मॉइश्चराइजर लगाएं ताकि नमी बनी रहे. अगर आपकी त्वचा बहुत रूखी है, तो साबुन-फ्री क्लींजर या बॉडी वॉश का इस्तेमाल करें. नहाने का पानी ज्यादा गर्म न हो, क्योंकि गर्म पानी त्वचा की नमी को और कम करता है. और हां, साबुन को ज्यादा रगड़ने से बचें, क्योंकि इससे त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचता है.

साबुन के बिना साफ-सुथरे कैसे रहें?
अब आप सोच रहे होंगे कि साबुन के बिना साफ-सुथरे कैसे रहा जाए? जवाब आसान है- प्रकृति के पास हर समस्या का हल है! नहाने के पानी में नीम की पत्तियां, गुलाबजल या नींबू का रस मिलाकर नहाएं. ये प्राकृतिक चीजें त्वचा को साफ और तरोताजा रखती हैं. बेसन और दूध से बना उबटन भी त्वचा को कोमल बनाता है. अगर आपको साबुन इस्तेमाल करना ही है, तो आयुर्वेदिक या हर्बल साबुन चुनें, जो केमिकल-फ्री हों.

(डिस्क्लेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. GNT डिजिटल इसकी पुष्टि नहीं करता है)