Can Omicron can cause heart damage? (Representative Image)
Can Omicron can cause heart damage? (Representative Image) पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में पहली बार ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया था. दुनियाभर के विशेषज्ञ अभी भी इस पर रिचर्स कर रहे हैं. पिछले डेल्टा वैरिएंट से कम घातक और अधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले भारत से लेकर अन्य देशों में लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं.
क्या होते हैं लक्षण?
वैरिएंट के मुख्य लक्षण में सिरदर्द, सुस्ती, गले में दर्द, सूखी खांसी, बुखार और भूख न लगना शामिल हैं. नए वैरिएंट में देखा गया कि ओमिक्रॉन रेसपिरेटरी सिस्टम और फेफड़ों को ज्यादा प्रभावित नहीं करता है. लेकिन क्या यह हमारे दिल को प्रभावित कर सकता है? पिछले वैरिएंट के मामले में यह पाया गया था कि बड़ी संख्या में कोविड रोगियों को दिल की क्षति हुई और हार्ट फेलियर के कारण कई कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी. यहां तक कि उन लोगों में भी दिल की क्षति की सूचना मिली, जिन्हें गंभीर बीमारी नहीं थी.
डेल्टा वैरिएंट से हृदय को हुआ नुकसान
रक्त वाहिकाओं की आंतरिक सतहों में गंभीर सूजन, शरीर की लड़ने की प्रतिक्रिया के कारण समग्र सूजन के कारण होने वाला मायोकार्डिटिस, रक्त के थक्के या फिर अचानक से धड़कनें तेज हो जाना कोविड -19 के कारण होने वाली कुछ हृदय समस्याएं थीं. हालांकि, मौजूदा ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक हृदय संबंधी कोई लक्षण नहीं बताए गए हैं, हालांकि अभी निश्चित रूप से ऐसा कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
अभी कुछ कहना जल्दबाजी- डॉक्टर
फोर्टिस नोएडा के हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ अजय कौल कहते हैं, "ओमाइक्रोन इस वायरस का नया रूप है और इसके बारे में अभी तक बहुत कम जानकारी है, जहां तक ओमिक्रॉन का हृदय को प्रभावित करने का संबंध है, इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है. यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन मायोकार्डिटिस, हृदय की सूजन का कारण बन सकता है या नहीं. इसके केस हमने डेल्टा वैरिएंट में देखे थे. लेकिन निश्चित रूप से कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि इसमें कुछ समय लगता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि कुल मिलाकर ओमिक्रॉन वैरिएंट अपेक्षाकृत माइल्ड लक्षण वाला है."
ऑक्सीजन स्पोर्ट की नहीं पड़ रही जरूरत
एशियाई अस्पताल, फरीदाबाद में चिकित्सक और संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रमुख डॉ चारु दत्त अरोड़ा कहती हैं, "कोविड -19 के साथ पॉजिटिव होने वाले अधिकांश टीकाकरण वाले लोगों को अस्पताल में स्टेरॉयड या ऑक्सीजन स्पोर्ट या यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता नहीं होती है. केवल गैर-टीकाकरण या प्रत्यारोपण / कैंसर / ऑटो इम्यून कंडीशन जैसी गंभीर प्रतिरक्षा स्थितियों वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती और आईसीयू की आवश्यकता होती है."