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कोरोना के नए वैरिेएंट को लेकर खतरा कम... फिर भी लोगों में क्यों फैल रही दहशत?

कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दक्षिण अफ्रीका में वायरस के फैलने के बाद से कई देशों ने अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी, जिसके बाद से पूरे देश में दहशत का माहौल है. ओमिक्रॉन को डेल्टा सात गुना तेजी से फैलने वाली वैरिएंट बताया जा रहा है. वहीं वैक्सीन पर यह कितना प्रभावी है इस विषय पर अभी रिसर्च जारी है.

New variant Omicron New variant Omicron
हाइलाइट्स
  • यूरोप में होने वाली मौत का जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट

  • अफ्रीका में घट रहे कोरोना के केस

कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दक्षिण अफ्रीका में वायरस के फैलने के बाद से कई देशों ने अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी, जिसके बाद से पूरे देश में दहशत का माहौल है. ओमिक्रॉन को डेल्टा सात गुना तेजी से फैलने वाली वैरिएंट बताया जा रहा है. वहीं वैक्सीन पर यह कितना प्रभावी है इस विषय पर अभी रिसर्च जारी है.

अफ्रीका में घट रहे कोरोना के केस
गौर करने वाली बात यह है कि जिस अफ्रीका में ये वैरिएंट फैला हुआ है, वहां दो महीने में नए मरीजों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है. यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट दो महीने से मौजूद है और लगभग 45 बार अपना रूप बदल चुका है. इसके बाद भी वहां पर वायरस से होने वाली मौत में गिरावट जारी है. संक्रमित होने वाले मरीजों में गंभीरता के मामले कम देखे गए और उनमें लक्षण भी बेहद कम हैं. 

यूरोप में होने वाली मौत का जिम्मेदार डेल्टा वैरिएंट
दुनिया की 17% आबादी वाले अफ्रीका के 54 देशों में रोज सिर्फ 4200 मरीज मिल रहे हैं, जो यूरोप से 86 गुना कम हैं. अफ्रीका में रोज होने वाली मौतें भी150 से कम हैं. इसका भी अगर यूरोप से मिलान किया जाए तो ये 26 गुना कम ही बताई जा रही हैं इसलिए फिलहाल ये एक राहत की खबर है कि अफ्रीका में वायरस के रोजाना आने वाले केस और उनसे होने वाली मौतें दो महीने से लगातार घट रही हैं. जबकि दूसरी ओर दुनिया की 10% आबादी वाले यूरोप के 45 देशों में रोज 3.63 लाख मरीज मिल रहे हैं. सबसे गंभीर बात यह है कि यूरोप में मौत के जो भी 3,880 मामले आए हैं ये डेल्टा वैरिएंट के मामले हैं.

भारत में भी सतर्कता
ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ती आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी. इस दौरान उन्होंने राज्यों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी रखने और जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों के परीक्षण को लेकर कई बातें कहीं. राज्य सरकारों ने भी इस वेरिएंट के बढ़ते खतरे के मद्देनजर सतर्कता दिखानी शुरू कर दी है. महाराष्ट्र ने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने के लिए लोगों पर दंड की घोषणा की. साथ ही राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को (घरेलू या अंतरराष्ट्रीय) भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर मॉनिटर किया जाएगा. मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि अफ्रीका से आने वाले हर यात्री के सैंपल लिए जाएंगे और पॉजिटिव आने पर उसकी जीनोम सीक्वेंसिंग करवाई जाएगी. वहीं कर्नाटक सरकार ने हवाई अड्डे पर ही स्क्रीनिंग शुरू कर दी है. कर्नाटक ने केंद्र सरकार से राज्य में तीसरी लहर को रोकने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज देने की अनुमति भी मांगी है.

नए वैरिएंट के खिलाफ जॉनसन कर रहा परीक्षण
बायोएनटेक, जो फाइजर के साथ काम करता है इस वैरिएंट पर लैब में रिसर्च कर रहा है. उनका कहना है कि अगले दो सप्ताह में यह पता लग जाएगा कि यह वैकिसीन के साथ के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है. रोश के शोधकर्ता नए संस्करण का अध्ययन कर रहे हैं. प्रवक्ता कार्स्टन क्लेन ने कहा, यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह एंटीबॉडी कॉकटेल के साथ कैसे रिएक्ट करता है. इसके अलावा कोविड-19 की खुराक का एक शॉट बनाने वाली जॉनसन एंड जॉनसन पहले से ही बी 1.1.529 वैरिएंट के खिलाफ अपने टीके का परीक्षण कर रही है.