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Family Doctor Scheme: 15 मार्च से इस राज्य में लॉन्च की जा रही है फैमिली डॉक्टर स्कीम, लोगों के घरों तक पहुंचेगी मेडिकल सर्विस

आंध्र प्रदेश सरकार 15 मार्च 2023 से राज्य में Family Doctor Scheme लॉन्च कर रही है. जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों तक मेडिकल सर्विसेज पहुंचाना है.

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हाइलाइट्स
  • 15 मार्च 2023 को होगी स्कीम लॉन्च

  • स्कीम के लिए अलग से की गई हैं डॉक्टरों की नियुक्तियां 

पिछले कुछ समय से भारत में Right to Health को लेकर काफी चर्चाएं हैं. बहुत से लोगों का कहना है कि जिस तरह Right to Education है वैसे ही नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार भी मिलना चाहिए. क्योंकि बहुत बार सही स्वास्थ्य सुविधा न मिल पाने के कारण या समय पर डॉक्टर की सलाह न मिलने की वजह लोग अपनी जान गंवा देते हैं. 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए, सभी राज्य सरकारें समय-समय पर नागरिकों के लिए योजनाएं लेकर आती हैं. आंध्र प्रदेश सरकार भी 15 मार्च 2023 से कुछ ऐसी ही एक अलग पहल करने वाली है. 

लॉन्च की जाएगी Family Doctor Scheme
आंध्र प्रदेश सरकार 15 मार्च को परिवार चिकित्सक योजना (Family Doctor Scheme) शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस स्कीम का उद्देश्य मेडिकल सर्विसेज को नागरिकों के दरवाजे तक लेकर जाना है. अब तक यह स्कीम एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर थी जिसके तहत राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अब तक राज्य के लोगों को लगभग 46 लाख मेडिकल सर्विसेज दी हैं. 

हाल ही में, सरकार के एक अधिकारिक बयान के अनुसार, 1,149 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHCs) में फुलटाइम डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. साथ ही, अगर डॉक्टर लंबे समय के लिए छुट्टी पर है तो इस स्थिति में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टरों को इस स्कीम के तपत इस्तेमाल किया जाएगा और आवश्यक अतिरिक्त नियुक्तियां की जाएंगी. 

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम का उद्देश्य हर महीने 2,000 लोगों के घर पर मेडिकल सर्विसेज पहुंचाना है. इस स्कीम के तहत ग्राम सचिवालय के समन्वय से डॉक्टर महीने में दो बार गांव का दौरा करेंगे. मरीजों का डेटा उनके परिवार के सदस्यों के साथ एक मोबाइल एप्लिकेशन में डिजिटाइज़ किया जाएगा. इससे सरकार को राज्य के सभी लोगों के स्वास्थ्य डेटा को डिजिटाइज़ करने में मदद मिलेगी.

लोगों के घरों में जाते समय लैब और मोबाइल मेडिकल यूनिट में डॉक्टर मरीजों के 14 प्रकार के ब्लड टेस्ट करते हैं. मरीज की स्थिति के आधार पर, डॉक्टर दूसरे जरूरी टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं. रिपोर्ट और मरीजों की स्थिति के आधार पर, उन्हें तुरंत दवाएं दी जाएंगी. डॉक्टरों को मरीजों के लिए जरूरी 67 दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं. 

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ये मेडिकल रिकॉर्ड भी डिजिटाइज्ड हैं और केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में उनकी हेल्थ आईडी के जरिए अपलोड किए गए हैं.

अलग से की गई हैं डॉक्टरों की नियुक्तियां 
बताया जा रहा है कि इस स्कीम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए हर एक जिले में कम से कम चार एक्स्ट्रा डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है. इसी तरह, हर एक छह से सात पीएचसी के लिए एक अतिरिक्त डॉक्टर नियुक्त गया है. इस कारण, अब सरकार के पास राज्य स्तर पर 175 डॉक्टरों का रिजर्व है. 

इस बीच, स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि फैमिली डॉक्टर स्कीम के तहत आरोग्यश्री रेफरल सर्विसेज भी शामिल करनी चाहिएं. उनका कहना है कि आरोग्यश्री आरोग्यश्री कार्ड पर एक शिकायत नंबर लोगों को देना चाहिए ताकि अगर उन्हें इस सर्विस में कोई परेशानी है तो वे शिकायत कर सकें. जैसे अगर कोई लोगों से रिश्वत की मांग करता है, तो उन शिकायतों को रिपोर्ट करने के लिए इस कार्ड पर नंबर छपा होना चाहिए.

और भी योजनाओं पर हो रहा है काम 
इसी तरह, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य की संपूर्ण पोषण प्लस योजना के तहत एनीमिया के मामलों को जोड़ने का निर्देश दिया है.  जिसमें अब यह निगरानी भी करनी होगी कि मरीजों को पौष्टिक भोजन मिल रहा है या नहीं. रेड्डी ने वाईएसआर कांति वेलुगु के तीसरे चरण का शुभारंभ किया. जिसमें ग्राम सचिवालय स्तर पर लोगों के चेकअप किए जा रहे हैं. 

वाईएसआर कांति वेलुगु को अक्टूबर, 2019 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य मुफ्त में आंखों की जांच करना और अंधेपन को रोकना था. अब राज्य सरकार ने इसमें डेंटल टेस्ट्स को शामिल करने के निर्देश भी दिए हैं. इस तरह की योजनाओं का उद्देश्य आम लोगों के सही स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सही मेडिकल सर्विस पहुंचेंगी और लोगों को डॉक्टरों की भारी-भरकम फीस के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा.