
Ragi or Finger Millet
Ragi or Finger Millet
भारत में कई तरह के मिलेट्स खाए जाते हैं. इन्हें छद्म अनाज भी कहते हैं क्योंकि ये एक तरह का अनाज होते हुए भी सामान्य अनाज जैसे गेहूं, चावल से काफी ज्यादा अलग होते हैं. इनकी खेती से लेकर इनकी न्यूट्रिशनल प्रोफाइल तक, सबकुछ बहुत अलग होता है. आज हम आपको बता रहे हैं रागी के बारे में. रागी कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन से भरपूर होता है इसलिए यह सबके लिए, खासकर कि शाकाहारी लोगों के लिए बेस्ट फूड ऑप्शन है. रागी की न्यूट्रिशनल प्रोफाइल के साथ-साथ इसका एक अपना टेस्ट और फ्लेवर है. साथ ही, रागी ग्लुटन फ्री है.
5000 साल पुराना है रागी का इतिहास
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रागी का दुनिया में इतिहास 5000 साल पुराना है. यह सबसे पहले ईस्ट अफ्रीका के युगांडा में जन्मा और यहां पर रागी पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता था. हालांकि, इतिहासकारों के मुताबिक, रागी करीब 3000 साल पहले भारत लाया गया. तब से यह भारतीयों की डाइट का हिस्सा है. प्राचीन संस्कृत में रागी का जिक्र 'राजिका' नाम से मिलता है. आर्कियोलॉजिस्ट को हड़प्पा की खुदाई के दौरान रागी मिला था. वर्तमान में, दक्षिण भारत के कर्नाटक में रागी को बड़े पैमाने पर उगाया जाता है. दूसरे हिस्सों में भी रागी के बारे में जागरूकता बढ़ी है.
रागी के बारे में जागरुकता बढ़ने का कारण है इसका सेहत के लिए बहुत अच्छा और पौष्टिक होना. रागी को कई नामों से जाना जाता है जैसे फिंगर मिलेट, मडुआ आदि. रागी में मिनरल्स की अच्छी खासी मात्रा होता है और इसमें एक खास अमीनो एसिड मेथीयोनाइन होत है जो अक्सर अंडे, मीट और मछली में मिलता है. यह प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर और आयरन के मामले में भी सामान्य अनाज के मुकाबले बेहतर है.
रागी की न्यूट्रिशनल प्रोफाइल (प्रति 100 ग्राम):
रागी बहुत ही एक पौष्टिक होता है जिसमें कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं. इसमें कैलोरी और शुगर कम होती है और इसमें कोलेस्ट्रॉल और सोडियम ना के बराबर होता है. रागी विटामिन और खनिजों का भी अच्छा स्रोत है, जिसमें विटामिन ई, विटामिन के, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन बी 6, फोलेट, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और जिंक शामिल हैं. रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इसमें डाइटरी फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जो भूख और कैलोरी की मात्रा को कम करके वजन को मैनेज करने में मददगार हो सकता है.

रागी खाने के फायदे
अगर आप शाकाहारी हैं और समझ नहीं आ रहा कि अपना प्रोटीन इनटेक कैसे बढ़ाएं को रागी बेस्ट ऑप्शन है. आप रागी क अलग-अलग तरह से अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं. रागी में फाइबर कंटेंट भी अच्छी मात्रा में होता है जो इसे पाचन के लिए अच्छा बनाता है.
इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं:
रागी खाने के नुकसान
रागी बहुत ज्यादा खाने से शरीर में ऑक्सालिक एसिड बढ़ सकता है. यह उन लोगों के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है जिन्हें लिवर में पथरी है. रागी को अगर आप जरूरत से ज्यादा खाएंगे तो ही नुकसान हो सकता है. संतुलित मात्रा में रागी का सेवन करने से यह सेहत के लिए अच्छा रहता है.
रागी से बनी रेसिपीज
आप रागी से आसान ब्रेकफास्ट जैसे रागी माल्ट बना सकते हैं. या फिर आप स्नैक्स के तौर पर रागी लड्डू भी बना सकते हैं.
रागी लड्डू
सामग्री
तरीका

रागी माल्ट
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