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स्वास्थ्य विभाग की नई पहल! सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिलाओं को दिया जा रहा है जच्चा-बच्चा किट, पौष्टिक आहार के साथ दवाइयां भी हैं मौजूद

गया जिले में अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को अस्पताल में ही एक विशेष जच्चा-बच्चा किट दिया जा रहा है. यह पहल बिहार सरकार की ओर से जननी एवं बाल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत शुरू की गई है, जिसकी शुरुआत आज गया शहर के प्रभावती अस्पताल से की गई.

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हाइलाइट्स
  • डिलीवरी के बाद महिलाओं को दिया जा रहा है जच्चा-बच्चा किट

  • पौष्टिक आहार के साथ दवाइयां भी हैं मौजूद

गया जिले में अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को अस्पताल में ही एक विशेष जच्चा-बच्चा किट दिया जा रहा है. यह पहल बिहार सरकार की ओर से जननी एवं बाल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत शुरू की गई है, जिसकी शुरुआत आज गया शहर के प्रभावती अस्पताल से की गई. इस किट में महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार, विटामिन की जरूरी दवाइयां, और अन्य उपयोगी सामान शामिल हैं, जो प्रसव के बाद मां और नवजात की सेहत के लिए बेहद जरूरी हैं.

महिलाओं को बांटी जा रही किट
गया जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने आज खुद अस्पताल पहुंचकर प्रसव के बाद भर्ती महिलाओं को यह किट वितरित की. उन्होंने बताया कि, “आज से जिले के जितने भी सरकारी अस्पतालों में महिलाओं का प्रसव होगा, उन सभी को यह जच्चा-बच्चा किट दिया जाएगा. इससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार होगा और महिलाओं को पोषण और दवाइयों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा.”

अस्पतालों का निरीक्षण भी किया गया
किट वितरण के साथ ही जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया और वहां भर्ती महिलाओं से बात कर सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया कि सभी जरूरतमंद महिलाओं को यह किट समय पर उपलब्ध कराई जाए.

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डीपीएम नीलेश कुमार ने जानकारी दी कि “इस योजना के अंतर्गत हर सरकारी अस्पताल में जहां महिलाओं का प्रसव हो रहा है, वहां यह किट दी जाएगी. इस किट में पौष्टिक खाना जैसे दलिया, ड्राई फ्रूट्स, साथ ही विटामिन और आयरन की दवाइयां शामिल हैं. इससे जच्चा-बच्चा दोनों की सेहत को लाभ मिलेगा.”

सरकार की खास पहल
बिहार सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवा प्राप्त करें और नवजात बच्चों को शुरू से ही सही पोषण और देखभाल मिले. यह जच्चा-बच्चा किट इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. गया जिले में इस योजना की शुरुआत के बाद अब अन्य जिलों में भी इसे जल्द लागू किया जाएगा. उम्मीद है कि इससे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी और महिलाओं को सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर और अधिक भरोसा होगा.

-पंकज कुमार की रिपोर्ट