
चीन में फैल रहे HMPV वायरस को लेकर पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कर्नाटक में HMPV वायरस से जुड़े दो मामले सामने आए हैं. अब गुजरात में भी HMPV वायरस का पहला केस दर्ज हुआ है. एक छोटे बच्चे में इस वायरस के पॉज़िटिव सिम्टम्स दिखे हैं. मामले में गुजरात राज्य सरकार अब एक्शन मोड़ में आ गई है. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल आज वड़ोदरा एसएसजी अस्पताल के दौरे पर आए थे. उन्होंने बताया कि जिस बच्चे में पॉज़िटिव आया है वह राजस्थान के डूंगरपुर से इलाज के लिए अहमदाबाद में आया था.
गुजरात में मिला HMPV का पहला केस
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, फिलहाल इस वायरस को लेकर कोई एडवाइज़री जारी नहीं की गई है लेकिन इससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है. गुजरात के सभी अस्पतालों में इसे लेकर तैयारी पूरी है. इस वायरस में सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी होती है और आखिरी स्टेज में सांस लेने में दिक्कत होती है. इस वायरस को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है. अभी परिस्थिति कोविड जितनी नहीं है लेकिन गंभीर से गंभीर स्थिति में भी राज्य सरकार पूरी तरह से काम करने के लिए तैयार है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर केंद्र सरकार भी चिंतित है और लोगों को ज्यादा से ज्यादा SOP का पालन करना चाहिए. इस वायरस की एडवाइजरी आज ही जारी की जाएगी इसलिए लोगों को पेनिक करने की कोई जरूरत नहीं है.
भारत सरकार ने चीन से आने वाले लोगों को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक मॉनिटरिंग ग्रुप बनाया है, जो चीन में एचएमपीवी वायरस के मामलों पर निगरानी रखेगा. भारत सरकार ने कुछ दिनों पहले ही बयान जारी कर बताया था कि चीन की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
क्या है एचएमपीवी वायरस
इस वायरस को ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस या एचएमपीवी (HMPV) वायरस कहते हैं, जिसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं. ये वायरस सांस से जुड़ी बीमारियां पैदा करता है. बच्चों, बुजुर्गों व कमजोर इम्युनिटी वालों को अधिक प्रभावित करता है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों में HMPV का संक्रमण गंभीर हो सकता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह वायरस गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है.
कैसे फैलता है ये वायरस
HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है. यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं.
क्या है तैयारियां
अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए SARI मामलों और लैब की ओर से पुष्ट किए गए इन्फ्लूएंजा मामलों का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाया जाए. अस्पतालों में ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था रखी जाए. हल्के लक्षण वाले मामलों के इलाज के लिए पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
इस वायरस की फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है. लिहाजा सावधानी ही बचाव है और सबसे बड़ा बचाव मास्क है..लिहाजा जब भी घर से निकलें मास्क पहन कर निकलें. संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर रखें. बीमार होने पर घर पर रहें, ताकि संक्रमण न फैले.