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Fertility Breakthrough: पहली बार इंसान के स्किन सेल्स से वैज्ञानिकों ने बनाया एग, बांझपन से जूझ रही लाखों महिलाओं को होगा फायदा

इस तकनीक की खास बात यह है कि अंडाणु बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली त्वचा कोशिकाएं केवल महिलाओं से ही नहीं, बल्कि पुरुषों से भी ली जा सकती हैं.

Fertility Breakthrough Fertility Breakthrough
हाइलाइट्स
  • त्वचा से अंडे बनाने में सफलता

  • भविष्य में बांझपन का इलाज संभव

दुनिया में पहली बार वैज्ञानिकों ने इंसान की त्वचा (स्किन) की कोशिकाओं से महिलाओं के अंडे (eggs) बनाने में सफलता पाई है. यह उपलब्धि अमेरिका के ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी ने हासिल की है. यह खोज उन महलाओं के लिए बड़ी उम्मीद बनकर आई है जो उम्र, बीमारी या इलाज की वजह से अपने अंडे से बच्चे नहीं पैदा कर पा रहे हैं. यह तकनीक दुनियाभर की लाखों महिलाओं के लिए कारगर साबित हो सकती है, जो बांझपन की समस्या से जूझ रही हैं.

किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
इस रिसर्च के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर शौखरत मिटलिपोव के मुताबिक, “सबसे ज्यादा फायदा उन महिलाओं को मिलेगा जो बढ़ती उम्र के कारण गर्भधारण नहीं कर पातीं.” इसके अलावा वे महिलाओं जो कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में कीमोथेरेपी ले रही हैं, उनके लिए भी ये फायदेमंद साबित हो सकती है. यह तकनीक पुरुषों की स्किन सेल्स से भी अंडे बनाने की क्षमता रखती है.

कैसे बनाए गए ये अंडे?
यह प्रक्रिया क्लोनिंग तकनीक पर आधारित है. वही तकनीक जिससे 1990 के दशक में “डॉली भेड़” बनाई गई थी. वैज्ञानिकों ने महिलाओं की त्वचा से एक कोशिका का नाभिक (nucleus) निकाला, जिसमें 46 गुणसूत्र (chromosomes) होते हैं. फिर इसे donor egg में डाल दिया गया, जिसका नाभिक पहले ही हटा दिया गया था. समस्या यह थी कि एक स्वस्थ अंडे में केवल 23 chromosome होने चाहिए, क्योंकि बाकी 23 तो शुक्राणु (sperm) से आते हैं.

इस असंतुलन को ठीक करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक रासायनिक पदार्थ “रोस्कोविटीन” (roscovitine) का इस्तेमाल किया. इससे अंडे अपने आधे chromosome एक ओर हटा देते हैं, ताकि शेष 23 chromosome शुक्राणु से मिल सकें. हालांकि इससे जो शुरुआती भ्रूण (embryo) बने, उनमें chromosome की संख्या गड़बड़ थी.  यानी उनसे स्वस्थ बच्चा पैदा नहीं हो सकता. 82 अंडों में से 10% से भी कम अंडे सामान्य भ्रूण के स्तर तक पहुंचे, और कोई भी 6 दिन से ज्यादा जीवित नहीं रहा.

त्वचा से अंडे बनाने की खोज नई उम्मीद की किरण
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के प्रोफेसर रिचर्ड एंडरसन कहते हैं, “कई महिलाएं कैंसर इलाज या उम्र की वजह से अंडे खो देती हैं. अगर त्वचा से नए अंडे बनाना संभव हुआ, तो यह उनके लिए आशा की नई किरण होगा. यह शोध अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन भविष्य में यह बांझपन और गर्भपात को समझने का तरीका बदल सकता है.”