Vikrant Shrotriya
Vikrant Shrotriya इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 के सेशन Obesity Treatments: Trend, Necessity, or Overreach? में हुई बातचीत में नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और मैनिजिंग डायरेक्टर विक्रांत श्रोत्रिय ने ओज़ेम्पिक को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा ओजेम्पिक कोई "पार्टी ड्रग" नहीं है.
कैसे काम करती है ओज़ेम्पिक
टाइप 2 डायबिटीज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा ओज़ेम्पिक का इस्तेमाल लोग वेट लॉस के लिए कर रहे हैं. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 में विक्रांत श्रोत्रिय ने कहा, "ओज़ेम्पिक कोई जादुई गोली नहीं है. ओज़ेम्पिक मेटाबॉलिक डिजीज के लिए लॉन्ग टर्म मेडिकेशन है. वजन कम करने के लिए इस्तेमाल की जा रही यह दवा दिमाग को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि पेट भरा हुआ है और ज्यादा कैलोरी लेने की इच्छा को दबा देता है. यह उन लोगों के लिए एक बचाव है जो केवल आहार और व्यायाम के माध्यम से वजन कम नहीं कर सकते हैं."
मोटापे से लड़ना आसान नहीं
विक्रांत श्रोत्रिय कहते हैं, ''मैंने सिर्फ एक किलो वजन कम करने की कोशिश की है, लेकिन एक दिन पार्टी करने के बाद, वजन फिर से बढ़ जाता है. इससे पता चलता है कि वजन कंट्रोल एनर्जी बैलेंस से कहीं ज्यादा है.'' विक्रांत ने "पतले-मोटे भारतीय" का कॉन्सेप्ट समझाते हुए कहा कि कोकेशियान की तुलना में भारतीयों में दुबले दिखने के बावजूद अधिक आंत की चर्बी होती है. मोटापे से लड़ना उतना आसान नहीं है जितना हर कोई सोचता है."
एक्सरसाइज के जरिए वज़न कम करना अस्थायी
ओज़ेम्पिक बंद करने के साइड इफेक्ट पर बात करते हुए विक्रांत ने कहा, "जिस तरह डायबिटीज, हाई बीपी या थायरॉयड जैसे डिसऑर्डर दवा बंद करने पर वापस आ जाते हैं, उसी तरह केवल डाइट और एक्सरसाइज के जरिए वज़न कम करना भी अस्थायी होता है. हम अक्सर ज़रूरत से ज़्यादा कैलोरी का सेवन करते हैं. जब आप कम खाते हैं, तो आपके भूख हार्मोन क्षतिपूर्ति करते हैं, जिससे वज़न फिर से बढ़ने की संभावना होती है."