scorecardresearch

AIIMS Jodhpur के डॅाक्टरों की बड़ी उपलब्धि, 10 वर्षीय बच्चे में पाए गए दुर्लभ बीमारी Portocaval Shunt का किया सफल ऑपरेशन

जोधपुर एम्स के डॅाक्टरों ने 10 वर्षीय बच्चे में पाए गए दुर्लभ बीमारी पोर्टोकैवल शंट (Intrahepatic Portocaval Shunt)का सफल ऑपरेशन किया है. विष्णु नाम का 10 साल का बच्चा एक असामान्य और खतरनाक बीमारी इंट्राहेपेटिक पोर्टोकैवल शंट से पीड़ित था. दुनिया भर में ऐसे केवल 80 रोगियों को यह बीमारी है. जिनमें से कुछ ही लोग जिंदा बचे हैं.

पोर्टोकैवल शंट से पीड़ित बच्चे का हुआ सफल ऑपरेशन पोर्टोकैवल शंट से पीड़ित बच्चे का हुआ सफल ऑपरेशन
हाइलाइट्स
  • दुनियाभर में ऐसे केवल 80 रोगियों को यह बीमारी है

  • दान किए गए शव पर सर्जरी का अभ्यास करने के बाद किया ऑपरेशन

जोधपुर एम्स के डॅाक्टरों ने 10 वर्षीय बच्चे में पाए गए दुर्लभ बीमारी पोर्टोकैवल शंट (Intrahepatic Portocaval Shunt)का सफल ऑपरेशन किया है. विष्णु नाम का 10 साल का बच्चा एक असामान्य और खतरनाक बीमारी इंट्राहेपेटिक पोर्टोकैवल शंट से पीड़ित था. इस बीमारी के कारण बच्चे का वजन ठीक से नहीं बढ़ पा रहा था. इसके अलावा पल्मोनरी आर्टरी हाइपरटेंशन, एन्सेफलोपथी, हेपटोपुल्मोनरी सिंड्रोम, ग्लोमेरूलोपथी, खून में अमोनिया के बढ़ाव जैसे जटिलताओं के कारण बच्चे को जान का खतरा था. 

देश में पहली बार हुआ ऐसा सफल ऑपरेशन

जब कई अस्पतालों का दौरा करने के बाद भी इस दुर्लभ बीमारी का पता नहीं चला तो बच्चे को जोधपुर एम्स लाया गया. जहां डॅाक्टर अरविंद सिन्हा के नेतृत्व में डॅाक्टरों की एक टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया. सर्जरी के बाद बच्चा अब एम्स में बाल चिकित्सा आईसीयू में भर्ती है, जहां उसकी रिकवरी जारी है. इस ऑपरेशन को बाल्यवस्था में देश में पहली बार किया गया है.

What is Intrahepatic Portocaval Shunt
सफल ऑपरेशन के बाद डॅाक्टरों की टीम बच्चे के साथ

पूरी दुनिया में केवल 80 रोगी

दुनिया भर में ऐसे केवल 80 रोगियों को यह बीमारी है. जिनमें से कुछ ही लोग जिंदा बचे हैं. इनमें से कई रोगियों का इलाज इंटरवेंशनल रेडियोलॅाजी विभाग एंडोवास्कुलर विधि से करता है, लेकिन यह एक बहुत बड़ा शंट था, इसलिए बच्चे को ऑपरेशन करके ठीक किया जा सकता था. जटिल और दुर्लभ ऑपरेशन होने के कारण सर्जिकल टीम ने पहले दान किए गए शव पर सर्जरी का अभ्यास किया और फिर बच्चे की सफल सर्जरी की. इस सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे के माता-पिता बहुत खुश हैं और एम्स के डॅाक्टरों की टीम का आभार जताया है.

बाल शल्य चिकित्सा सर्जरी विभागध्यक्ष डॅाक्टर अरविंद सिन्हा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी, जिसमें डॅा कीर्ति कुमार राठौड़, डॅा शुभलक्ष्मी नायक, डॅा श्रेयस, डॅा सौम्या भट्ट ( बाल शल्य चिकित्सा विभाग)डॅा मधुसूदन कट्टी, डॅा सुरेन्द्र पटेल (सीटीवीएस विभाग)डॅा पुष्पिंदर खेरा, डॅा पवन गर्ग (रेडियोलॅाजी विभाग)डॅा सादिक (एनेस्थीसिया विभाग)और डॅा दुष्यंत अग्रवाल (एनाटॅामी विभाग)शामिल थे.

क्या है पोर्टोकैवल शंट ?

बता दें कि पोर्टोकैवल शंट एक ऐसी बीमारी है, जहां पोर्टल वीन (आंतो से अशुद्ध खून लिवर तक ले जाने वाली रक्त वाहिनि)और इन्फीरियर वेनाकावा (शरीर की प्रमुख शिरा जो शरीर के अलग-अलग भागों से रक्त ले जाती है और उसे सीधे हृदय में प्रवाहित करती है) के बीच असामान्य संचार होता है. अगर यह यकृत के अंदर होता है तो यह रोग और भी दुर्लभ और खतरनाक है.