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केरल के अमृता अस्पताल में किया गया भारत का पहला फुल आर्म ट्रांसप्लांट, ब्रेन डेड व्यक्ति ने दिया नया जीवन

अमरेश को सितंबर 2017 में बिजली की केबल की मरम्मत के दौरान बिजली के झटके के कारण गंभीर चोट लग गई थी. उनके हाथ में कई फ्रैक्चर हो गए थे और बिजली से जलने के बहुत से निशान थे.

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हाइलाइट्स
  • अमरेश ने बिजली के झटके के कारण अपने दोनों हाथ खो दिए थे

  • 2018 से कर रहे थे डोनर का इंतजार

केरल में कोच्चि के अमृता अस्पताल में एक मरीज के दोनों हाथों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया है. कर्नाटक के 25 वर्षीय अमरेश ने बिजली के झटके के कारण अपने दोनों हाथ खो दिए थे. लेकिन अब उनके दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट कर दिया गया है और डॉक्टरों का कहना है कि उनकी रिकवरी रेट अच्छी है. 

2018 से कर रहे थे डोनर का इंतजार
कर्नाटक के यादगीर में गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (GESCOM) के साथ काम करने वाले जूनियर पावर मैन अमरेश ने कुछ साल पहले एक बिजली दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे. इसके बाद, उन्होंने सितंबर 2018 में केरल नेटवर्क फॉर ऑर्गन शेयरिंग (KNOS) में अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे अंग प्राप्तकर्ता के रूप में पंजीकरण कराया.  

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अमरेश को यह नया जीवन 54 वर्षीय विनोद के कारण मिल सका है. विनोद कोल्लम में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे और जनवरी 2022 को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. विनोद का परिवार उनके हाथों सहित अन्य अंगों को दान करने के लिए तैयार हो गया. 

18 घंटे तक चली सर्जरी
डॉ सुब्रमण्यम अय्यर और डॉ मोहित शर्मा के नेतृत्व में 20 सर्जन और 10 एनेस्थेटिस्ट्स वाली टीम ने यह सर्जरी की. सर्जरी काफी मुश्किल थी और लगभग 18 घंटे मों पूरी हुई. अच्छी बात है कि सर्जरी सफल रही.  

अमृता अस्पताल के सेंटर फॉर प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ अय्यर का कहना है कि दुनिया में केवल तीन कंधे के स्तर के पूर्ण-हाथ प्रत्यारोपण (Full Arm Transplant) किए गए हैं, और यह भारत में पहला है.