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मेडिकल साइंस की बड़ी सफलता! दिल के बाद अब इंसान में लगी सूअर की किडनी

सुनने में ये भले ही थोड़ा अटपटा लगे लेकिन आधुनिक तकनीक से ये मुमकिन हो रहा है. किडनी के मरीजों के लिए ये नए सवेरे की शुरुआत है. जिन मरीजों को हर महीने डायलिसिस कराना होता है, उनके लिये ये खोज किसी वरदान से कम नहीं है. अमेरिका के डॉक्टरों ने एक सुअर की किडनी को एक मरीज में सफलता पूर्वक ट्रांसप्लांट किया है. सबसे बड़ी बात ये है कि इस किडनी ने काम करना भी शुरू कर दिया है. मेडिकल साइंस में ये खोज एक मील का पत्थर साबित हो सकती है.

दिल के बाद अब इंसान में लगी सूअर की किडनी दिल के बाद अब इंसान में लगी सूअर की किडनी
हाइलाइट्स
  • शरीर ने अपना लिया सुअर की किडनी

  • गेम-चेंजिंग होगा ये कदम

  • गंभीर मरीजों पर होगा क्लीनिकल ट्रायल

मेडिकल साइंस धीरे-धीरे काफी आगे बढ़ता जा रहा है. अमेरिका में इंसान में सुअर का दिल लगने के बाद अब अलबामा में डॉक्टरों ने एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के शरीर में सुअर की किडनी लगाई है. यहां डॉक्टरों ने एक जेनेटिकली मॉडिफाइड सुअर की दो किडनियों को दुनिया में सबसे पहले इंसान में ट्रांसप्लांट किया है. सुअर की किडनी को एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित की गई है. 

शरीर ने अपना लिया सुअर की किडनी
ये ऑपरेशन संयुक्त राज्य अमेरिका में अलबामा विश्वविद्यालय में हुआ. दरअसल इस मरीज का नाम जिम पार्सन्स है, और इनकी उम्र 57 साल है. पिछले साल सितंबर में एक बाइक दुर्घटना का सामना करने के बाद इन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इस घटना के बाद रोगी के गुर्दे हटा दिए गए थे, और उसके बाद आनुवंशिक रूप से संशोधित सूअर के दो गुर्दे उसके शरीर में लगा दिए गए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रांसप्लांट की गई किडनी ने तुरंत काम करना शुरू भी कर दिया. शरीर ने गुर्दे को अस्वीकार नहीं किया. ये प्रयोग 30 सितंबर को हुआ था. लेकिन तथ्य हाल ही में एक अध्ययन में सामने आए थे. 

गेम-चेंजिंग होगा ये कदम
सर्जन जयमे लोके ने एक बयान में कहा, "यह गेम-चेंजिंग मोमेंट ज़ेनो ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है, जो यकीनन अंग की कमी से निपटने का सबसे अच्छा समाधान है." 

गंभीर मरीजों पर होगा क्लीनिकल ट्रायल
लोके ने आगे कहा कि उनके इस अध्ययन का लक्ष्य क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए एक ग्राउंडवर्क तैयार करना था, जिसे लॉक इस साल के अंत में शुरू करने का इरादा रखती हैं. जबकि ब्रेन-डेड रोगियों में दवाओं के सैंपल लेने का विचार पहले भी बातचीत में रहा है, लॉक का दावा है कि उनकी टीम ऐसा करने वाली पहली है. 

ब्रेन-डेड लोगों पर की जा सकती है एक्सपेरिमेंटल सर्जरी 
इस ट्रांसप्लांट ये एक फायदा ये भी हुआ कि यह साबित हो गया है कि ब्रेन-डेड मरीज एक्सपेरिमेंटल सर्जरी के लिए एक प्रभावी परीक्षण विषय के रूप में काम कर सकते हैं. भविष्य के अंग प्राप्तकर्ताओं के लिए सभी की सबसे बड़ी सफलता हो सकती है. रिपोर्टों के अनुसार, अंग दान की प्रतीक्षा सूची में 100,000 से अधिक अमेरिकी हैं.