
आज के डिजिटल दौर में मोबाइल फोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज़रूरत से ज़्यादा फोन का इस्तेमाल आपकी मानसिक और सामाजिक सेहत पर बुरा असर डाल सकता है? अगर आप हर वक्त अपने फोन में उलझे रहते हैं, तो यह सिर्फ आदत नहीं बल्कि फोन एडिक्शन यानी मोबाइल की लत भी हो सकती है.
इस स्थिति को मनोवैज्ञानिक भाषा में नोमोफोबिया (Nomophobia) कहा जाता है- यानी "नो मोबाइल फोन फोबिया". इसका मतलब है- जब व्यक्ति अपने फोन के बिना बेचैन, परेशान या चिंतित महसूस करता है. जानिए ऐसे कौन-कौन से संकेत हैं जो यह दिखाते हैं कि कहीं आप भी तो फोन एडिक्शन के शिकार नहीं हो रहे.
फोन की लत के 10 संकेत जो आपको सतर्क कर सकते हैं
1. फोन नहीं मिला तो बेचैनी होना
अगर फोन कुछ देर के लिए भी न मिले या बंद हो जाए तो बेचैनी, घबराहट या焦虑 जैसा महसूस होना, इस बात का संकेत हो सकता है कि आप उस पर जरूरत से ज्यादा निर्भर हो चुके हैं.
2. सुबह उठते ही सबसे पहले फोन देखना
अगर आप आंख खुलते ही बिना ब्रश किए या बिस्तर से उठे सीधे फोन चेक करते हैं, तो यह एक गंभीर संकेत है कि आपकी दिनचर्या पर फोन का कब्जा हो चुका है.
3. स्क्रॉल करते हुए समय का पता ही न चलना
“बस 5 मिनट के लिए इंस्टाग्राम देख लेते हैं" सोचते-सोचते अगर 1 घंटे बीत जाए, तो समझ लीजिए कि आप बेवजह स्क्रीन टाइम बर्बाद कर रहे हैं.
4. बिना नोटिफिकेशन के भी बार-बार फोन चेक करना
कोई मैसेज, कॉल या नोटिफिकेशन नहीं आया है फिर भी बार-बार फोन अनलॉक करना FOMO (Fear of Missing Out) और मानसिक आदत का हिस्सा हो सकता है.
5. खाने या बातचीत के दौरान भी फोन देखना
अगर आप परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने की बजाय फोन में व्यस्त रहते हैं, तो यह रिश्तों में दूरी ला सकता है. इससे वास्तविक जीवन की बातचीत कमजोर हो जाती है.
6. 'फैंटम वाइब्रेशन' महसूस करना
कई बार ऐसा महसूस होना कि फोन वाइब्रेट हुआ लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ – यह संकेत है कि आपका मस्तिष्क फोन की लत से ग्रस्त है.
7. बिना फोन चेक किए कोई काम पूरा न कर पाना
अगर आप हर कुछ मिनट में काम छोड़कर फोन देखने लगते हैं, तो यह ध्यान की कमी और उत्पादकता में गिरावट की निशानी है.
8. दुखी या बोर होते ही फोन की ओर भागना
जब भी मन उदास या तनाव में हो और आप फोन को ही राहत का जरिया मानने लगें, तो यह भावनात्मक निर्भरता का संकेत है.
9. नींद के वक्त भी फोन से चिपके रहना
अगर आप लेट नाइट सोशल मीडिया ब्राउज़िंग या वीडियो देखने में नींद खराब कर रहे हैं, तो यह आपके स्वास्थ्य और स्लीप साइकल को बिगाड़ सकता है.
10. जब कोई फोन इस्तेमाल पर टिप्पणी करे तो चिढ़ जाना
अगर कोई आपकी फोन की आदत पर सवाल करता है और आप चिढ़ या नाराज़ हो जाते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप अपनी लत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
समझदारी और सुधार की जरूरत
फोन हमारी ज़िंदगी का एक अहम उपकरण है, लेकिन यह तभी तक फायदेमंद है जब तक हम इसे कंट्रोल में रखें, न कि यह हमें कंट्रोल करे. अगर आपको ऊपर दिए गए संकेतों में से कई अपने व्यवहार में दिखाई देते हैं, तो समय आ गया है कि आप थोड़ी डिजिटल डिटॉक्सिंग शुरू करें.
(डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या के लिए विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है.)