डायट कोक और च्यूइंगम गम से दिल और दिमाग को खतरा
डायट कोक और च्यूइंगम गम से दिल और दिमाग को खतरा
क्या आप भी फिट रहने और पतले होने की चाहत रखते हैं? क्या आप पतले होने की चाहत के साथ आप डाइट कोक और च्यूइंगम गम के शौकीन हैं? अगर हां... तो जरा सावधान हो जाइए, क्योंकि ये दोनों चीजें आपके दिल और दिमाग दोनों पर भारी पड़ सकते हैं. ऐसा हम नहीं कह रहे... ऐसा कहना है स्पेन के सैन सेबेस्टियन स्थित Centre for Cooperative Research in Biomaterials के वैज्ञानिकों का. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर मामला क्या है.
दरअसल, आजकल लोग चीनी की जगह कृत्रिम मीठे पदार्थों का इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं, ताकि वजन कंट्रोल रहे और कैलोरी कम हो. इनमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है एस्पार्टेम, जो डाइट कोक, शुगर-फ्री च्युइंग गम, योगर्ट और कई डाइट ड्रिंक्स में मिलता है. लेकिन स्पेन के वैज्ञानिकों की एक नई रिसर्च ने इस पर बड़ा सवाल उठाया है. चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एस्पार्टेम वजन और बॉडी फैट तो कम करता है, लेकिन इसके बदले दिल की मांसपेशियों में सूजन और दिमाग की कार्यक्षमता में गिरावट आ सकती है.
चूहों पर किया गया रिसर्च
यह स्टडी स्पेन के सैन सेबेस्टियन स्थित सेंटर फॉर कोऑपरेटिव रिसर्च इन बायोमैटेरियल्स के वैज्ञानिकों ने की है. इसे जर्नल 'बायोमेडिसिन एंड फार्माकोथेरेपी' में प्रकाशित भी किया गया है. इस अध्ययन में चूहों को उनके शरीर के वजन के हिसाब से 7 मिलीग्राम प्रति किलो एस्पार्टेम दिया गया. यह डोज हर दो हफ्ते में तीन दिन लगातार दी गई. रिसर्च करीब एक साल तक चली. जिसके बाद नतीजे चौंकाने वाले निकले.
दिल और दिमाग में नुकसानदेह
वैज्ञानिकों ने पाया कि, चूहों के दिल की मांसपेशियां मोटी होने लगीं, जिसे मेडिकल भाषा में माइल्ड कार्डियक हाइपरट्रॉफी कहा जाता है. दिल की पंप करने की क्षमता में कमी आई. बाएं वेंट्रिकल में 26% और दाएं में 20% तक गिरावट दर्ज की गई. दिमाग से जुड़े व्यवहार में बदलाव दिखे और कॉग्निटिव परफॉर्मेंस यानी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हुई. एक तरफ शरीर की चर्बी करीब 20% तक कम हुई, लेकिन इसकी कीमत दिल और दिमाग ने चुकाई. वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही एस्पार्टेम वजन घटाने में मदद करता दिखे, लेकिन इसके साथ दिल और दिमाग में नुकसानदेह बदलाव भी हो सकते हैं.
फिलहाल WHO, FDA और European Medicines Agency के अनुसार इंसान एक दिन में 50 मिलीग्राम प्रति किलो वजन तक एस्पार्टेम ले सकता है. हालांकि रिसर्चर्स का मानना है कि मौजूदा गाइड लाइन पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि 'अनुमत मात्रा' पर भी अंगों के कामकाज पर असर पड़ सकता है.
सावधानी बरतने की सलाह
International Sweeteners Association (ISA) ने इस स्टडी को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है. ISA का कहना है कि, चूहों और इंसानों की बॉडी, मेटाबॉलिज्म और उम्र में बड़ा फर्क होता है. चूहों में दिखे बदलाव उम्र बढ़ने से भी जुड़े हो सकते हैं. इंसानों पर हुए कई क्लिनिकल ट्रायल्स में यह साबित हुआ है कि एस्पार्टेम अपने आप वजन कम या ज्यादा नहीं करता, बल्कि शुगर की जगह इस्तेमाल होकर कैलोरी कम करने में मदद करता है.
बता दें कि, एस्पार्टेम पहले भी विवादों में रहा है. साल 2023 में WHO ने इसे Possibly Carcinogenic यानी संभावित रूप से कैंसरकारी की श्रेणी में रखा था. हालांकि WHO ने साफ किया था कि खतरा सिर्फ बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर है.
ये भी पढ़ें: