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Rishabh Pant: क्या है Water Therapy जिसकी मदद से रिकवर कर रहे हैं ऋषभ पंत... क्या है इसके फायदे, किन उपचारों में मिल सकती है मदद? जानिए

भारत के पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह और सुरेश रैना, हरभजन जैसे क्रिकेटर्स पंत से मिलने पहुंच रहे हैं. पंत इन दिनों अपने घर पर हैं और रिकवरी के लिए वाटर थेरेपी की मदद ले रहे हैं.

भारत के धुरंधर विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत इन दिनों अपनी इंजरी से रिकवर होने की कोशिश कर रहे हैं. पंत अक्सर सोशल मीडिया पर भी वीडियो शेयर करके अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते रहते हैं. हाल ही में उनसे मिलने सुरेश रैना, हरभजन सिंह और श्रीसंत गए थे. सुरेश रैना ने तस्वीर शेयर करके पंत के लिए एक प्यारा सा मैसेज भी लिखा. बता दें कि पंत फिलहाल अपने घर पर हैं. सड़क हादसे का शिकार होने के बाद ऋषभ पंत मुंबई के एक अस्पताल में इलाज कराकर घर लौट आए थे. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में ऋषभ पंत वॉटर थैरेपी लेते नजर आए. वीडियो में पंत धीरे-धीरे स्विमिंग पूल में टहलते नजर आ रहे हैं.

उन्होंने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'छोटी-छोटी चीजों, बड़ी-बड़ी चीजों और बीच की हर चीज के लिए आभारी हूं.' पंत ने हाल ही में प्रशंसकों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया जिन्होंने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. दुर्भाग्य से कार दुर्घटना के कारण, पंत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला और आगामी आईपीएल 2023 से चूक गए. उनकी जगह डेविड वॉर्नर को दिल्ली कैपिटल्स का नया कप्तान बनाया गया है.

ऋषभ पंत ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वह वॉटर थैरेपी कर रहे हैं यानी स्विमिंग पूल में स्टिक लेकर टहलना. साथ ही पंत ने सड़क हादसे के बाद पहली बार पैदल चलने का यह वीडियो शेयर किया है. उनकी पीठ पर जले के निशान भी साफ नजर आ रहे हैं. क्या है हाइड्राथेरेपी आइए इसके बारे में जानते हैं.

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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क्या है वाटर थेरेपी
हाइड्रोथेरेपी (एक्वाथेरेपी) कठिन प्रशिक्षण या गंभीर चोट के बाद रिहैबिलिटेशन या रिकवरी के लिए पानी की सहायता से की जाने वाली एक्सरसाइज है. यह गर्म पानी में व्यायाम का एक रूप है और न्यूरोलॉजिक और मस्कुलोस्केलेटल स्थितियों वाले रोगियों के लिए एक लोकप्रिय उपचार है. इस चिकित्सा का उद्देश्य मसल्स रिलेक्सेशन, जोड़ों की गति में सुधार और दर्द को कम करना है. इस थेरेपी का इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा है.

नैचुरोपैथिक चिकित्सा की इस शाखा में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए आंतरिक और बाह्य रूप (internally and externally)से और अलग-अलग तापमान पर पानी का उपयोग किया जाता है.

क्या है विशेषता?

  • पानी में गर्मी और ऊर्जा को स्टोर करने और ले जाने की क्षमता होती है.
  • यह खनिजों और लवणों को डिसॉल्व कर सकता है. पानी विभिन्न रूपों में मौजूद है बर्फ, तरल या भाप.
  • बर्फ कोल्ड कंप्रेस के लिए होता है, एक तरल का उपयोग विभिन्न प्रकार के स्नान जैसे सौना और सिट्ज़ बाथ के लिए किया जाता है जबकि सांस लेने के दौरान भाप लगाई जाती है
  • यह रक्त प्रवाह को संशोधित कर सकता है.
  • पानी का मानव मन और तंत्रिका तंत्र पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है.

हाइड्रोथेरेपी कितने प्रकार की होती है?
हाइड्रोथेरेपी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है.

External हाइड्रोथेरेपी: जब आपके शरीर के बाहरी अंगों पर पानी या बर्फ लगाया जाता है, या आप पानी में डूब जाते हैं, तो इसे बाहरी हाइड्रोथेरेपी के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. इनमें से अधिकतर प्रक्रियाओं में तापमान नियंत्रित पानी का उपयोग किया जाता है. अलग-अलग तापमान का आपकी मांसपेशियों और टिशूज पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है. गर्म पानी मांसपेशियों को आराम देता है और खराब सर्कुलेशन, गले की मांसपेशियों, गठिया, और संधिशोथ- ठंडा पानी अंतर्निहित मांसपेशियों और त्वचा में रक्त प्रवाह को उत्तेजित करके काम करता है के उपचार में प्रभावी होता है.

Internal हाइड्रोथेरेपी: यह मोटे तौर पर कॉलोनिक सिंचाई और एनीमा नामक प्रक्रियाओं को संदर्भित करता है. प्राकृतिक चिकित्सक पूरे आंत्र को साफ करने और पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए दोनों का सहारा लेते हैं.

वाटर थेरेपी के लाभ

  1. पुराने या अचानक होने वाले दर्द से राहत पाने या कम करने के लिए यह थेरेपी बेहद फायदेमंद है.
  2. पानी को डिटॉक्सीफिकेशन के माध्यम से जहरीले कचरे को निकालने में सहायता के लिए जाना जाता है.
  3. हाइड्रोथेरेपी टाइट और तनावग्रस्त मांसपेशियों के टिशूज को आराम देने में बेहद प्रभावी है.
  4. यह पाचन में शामिल अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और मेटाबोलिक रेट दर को बढ़ाता है.
  5. हाइड्रोथेरेपी शरीर की कोशिकाओं को हाइड्रेट करके हमारी मांसपेशियों की कार्यक्षमता और त्वचा की टोन में सुधार करती है.
  6. यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और शरीर के विभिन्न अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है.
  7. जले और शीतदंश (बहुत ठंड के कारण अंगुलियों आदि का गल जाना) का इलाज करने, बुखार कम करने और गले की मांसपेशियों को शांत करने के लिए पानी एक चमत्कारी तरीका है.

किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए थेरेपी?
अगर व्यक्ति हृदय रोग या उच्च रक्तचाप, सूजन, बुखार, कैंसर, गर्भावस्था, गुर्दे की बीमारी आदि से पीड़ित हैं, तो उन्हें हाइड्रोथेरेपी से बचना चाहिए. प्राकृतिक चिकित्सा के इस रूप के लिए ये स्थितियां अनुपयुक्त हैं.

बता दें कि ऋषभ पंत दिल्ली से अपने घर रुड़की जा रहे थे. वह दिल्ली-देहरादून हाईवे पर थे जब उनकी मर्सिडीज कार मैंगलोर में मोहम्मद पुर जाट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में उन्हें काफी चोटें आई थीं. पहले उनका इलाज देहरादून के मैक्स अस्पताल में चला, बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई लाया गया. वह इलाज के बाद अपने घर पर हैं.