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WHO ने पहली बार लॉन्च की RSV वैक्सीन! गर्भवती महिलाओं को लगाया जाएगा RSVpreF टीका, कम होगा जानलेवा संक्रमण का खतरा

हर साल दुनिया भर में RSV के कारण पांच साल से कम उम्र के बच्चों में करीब 1 लाख मौतें और लाखों अस्पताल में भर्ती के मामले सामने आते हैं.

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हाइलाइट्स
  • गर्भवती महिलाओं को दिया जाएगा RSVpreF टीका

  • RSV से बचने के कुछ जरूरी उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों में गंभीर बीमारी फैलाने वाले RSV (Respiratory Syncytial Virus) को लेकर पहली बार गाइडलाइन जारी की है. WHO की नई गाइडलाइन में नवजात शिशुओं को RSV से बचाने के लिए दो अहम उपाय सुझाए गए हैं. जिसमें गर्भवती महिलाओं को टीका (RSVpreF) और नवजात को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन (Nirsevimab) शामिल है.

यह वायरस अब तक नजरअंदाज होता रहा है, जबकि हर साल यह दुनियाभर में पांच साल से छोटे बच्चों में लाखों अस्पताल में भर्ती और करीब 1 लाख मौतों का कारण बनता है. खासतौर पर विकासशील देशों में इसका असर ज्यादा होता है, जहां इलाज की सुविधाएं सीमित हैं.

क्या है RSV वायरस और क्यों है इतना खतरनाक?
RSV एक तेजी से फैलने वाला वायरस है, जो बच्चों और बुजुर्गों के फेफड़ों और सांस की नली को संक्रमित करता है. यह वायरस खांसी, छींक या नजदीकी संपर्क से फैलता है. आमतौर पर इसकी शुरुआत जुकाम जैसे लक्षणों से होती है जैसे बहती नाक, हल्का बुखार, खांसी, चिड़चिड़ापन और दूध पीने में परेशानी. लेकिन समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा भी हो सकता है. गंभीर लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, सीने का अंदर धंसना, होंठ या उंगलियों का नीला पड़ना, और सांस लेने में लंबा गैप आना शामिल है.

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क्या हैं WHO की नई सिफारिशें
1. गर्भवती महिलाओं के लिए RSVpreF वैक्सीन

WHO ने सिफारिश की है कि गर्भवती महिलाओं को 28 हफ्ते या बाद में एक वैक्सीन (RSVpreF) दी जाए. यह वैक्सीन प्लेसेंटा के जरिए मां से बच्चे को एंटीबॉडी पहुंचाती है, जिससे जन्म के बाद शुरुआती महीनों में बच्चे को RSV से सुरक्षा मिलती है.

यह टीका नियमित प्रेग्नेंसी चेकअप के दौरान दिया जा सकता है और नवजातों को गंभीर बीमारी से बचाने का बेहद सरल, सुरक्षित और असरदार तरीका है.

2. नवजात शिशुओं के लिए Nirsevimab इंजेक्शन
यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन है, जो नवजात को एक बार देने पर लगभग 5 महीने तक सुरक्षा देता है. इसे जन्म के तुरंत बाद या RSV के सीजन से पहले दिया जाता है. यह इंजेक्शन बच्चों को तुरंत सुरक्षा देता है, खासकर उन इलाकों में जहां RSV का सीजनल प्रकोप होता है.

RSV से कैसे करें बचाव

  • खांसते या छींकते समय मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें.

  • भीड़भाड़ वाले इलाकों से नवजातों को बचाएं.

  • यदि कोई परिवार में बीमार हो तो बच्चे से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैलें.

  • खिलौनों, बिस्तर और घर के सामान को साफ-सुथरा रखें.

  • यदि बच्चे में लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

  • खासकर तेज सांस, नीले होंठ या उलझन जैसी गंभीर समस्याओं पर देरी न करें.