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वायरल इंफेक्शन की वजह से अल्जाइमर का खतरा ज्यादा, वैज्ञानिकों ने शोध में किया दावा

अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों की उम्र आमतौर पर अधिक होती है. लेकिन यह एजिंग या उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण नहीं है. दुनिया भर में पांच करोड़ लोग इस रोग से ग्रस्त हैं.

Alzheimer's disease Alzheimer's disease
हाइलाइट्स
  • दुनिया भर में पांच करोड़ लोग इस रोग से ग्रस्त हैं.

  • अल्जाइमर रोग एक मानसिक विकार है.

500,000 मेडिकल रिकॉर्ड के एक अध्ययन में दावा किया गया है कि इंसेफेलाइटिस और निमोनिया जैसे गंभीर वायरल संक्रमण पार्किंसंस और अल्जाइमर के जोखिम को बढ़ाते हैं. शोधकर्ताओं ने लगभग 450,000 लोगों के अध्ययन में वायरल संक्रमण और न्यूरोडीजेनेरेटिव के बीच 22 संबंध पाए. वायरल एन्सेफलाइटिस नामक मस्तिष्क की एक प्रकार की सूजन के लिए इलाज करने वाले लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने की संभावना 31 गुना ज्यादा थी.

वायरल इंफेक्शन का प्रभाव लंबे समय तक
जिन लोगों को निमोनिया की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनमें अल्जाइमर, डिमेंशिया, पार्किंसंस और एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) होने की आशंका ज्यादा थी. आंतों में संक्रमण, मैनिंजाइटिस और वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस को भी कई न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के विकास के लिए जिम्मेदार माना गया. कुछ मामलों में दिमाग पर वायरल इंफेक्शन का प्रभाव 15 साल तक बना रहा.

मस्तिष्क रोगों में 80 प्रतिशत वायरस को 'न्यूरोट्रोफिक' माना जाता है. इनमें से कुछ वायरस के लिए टीके उपलब्ध हैं, जिनमें इन्फ्लूएंजा, शिंगल्स (वेरीसेल्ला जोस्टर) और निमोनिया शामिल है. हालांकि टीके बीमारी के सभी मामलों को नहीं रोक सकते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर जरूर कम कर सकते हैं.

कैसे किया गया अध्ययन
सबसे पहले शोधकर्ताओं ने छह अलग-अलग प्रकार के न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के साथ लगभग 35,000 फिन्स के मेडिकल रिकॉर्ड का अध्ययन किया और इसकी तुलना 310,000 उन ग्रुप्स से की जिन्हें दिमाग की बीमारी नहीं थी. इस अध्ययन में वैज्ञानिकों को वायरल इंफेक्शन और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के बीच 22 लिंक मिले. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को वायरल इंफेक्शन होता है उनमें अल्जाइमर होने की आशंका ज्यादा होती है.

क्या है अल्जाइमर

अल्जाइमर रोग एक मानसिक विकार है, जिसके कारण मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है. भूलने की समस्या का एक बड़ा कारण है डिमेंशिया है, जिसमें व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसमें याददाश्त में कमी आना, सोचने-समझने, तर्क करने और निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ता है. मेमोरी लॉस या चीजें भूलना डिमेंशिया का एक महत्वपूर्ण लक्षण है, लेकिन यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है. दुनिया भर में पांच करोड़ लोग इस रोग से ग्रस्त हैं.