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ज्योतिष विद्या से इलाज करने वाला देश का पहला अस्पताल, जन्म कुंडली और हस्तरेखा देखकर किया जाता है उपचार

दरभंगा में देश का ऐसा पहला अस्पताल शुरू हुआ है जहां पैथोलॉजी रिपोर्ट नहीं बल्कि जन्म कुंडली देखकर आपका इलाज किया जाता है. इलाज के लिए मंत्र और उपासना का भी सहारा लिया जाता है. मरीज को दवा के बदले मंत्र जाप के साथ उपासना और आराधना के अलावा ग्रह नक्षत्र का रत्न धारण कराकर उपचार शुरू किया जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • जन्म कुंडली देखकर शुरू किया जाता है इलाज

  • जरूरत पड़ने पर दी जाती है आयुर्वेदिक दवा

  • इलाज के लिए मंत्र और उपासना का भी लिया जाता है सहारा

किसी भी अस्पताल में आप इलाज कराने जाते हैं तो डॉक्टर को क्या बताते हैं? संभवतः सबसे पहले अपनी परेशानी. आपको क्या दिक्कत है, आप किन परेशानियों से जूझ रहे हैं...यही सारी बातें. इसी आधार पर डॉक्टर आपको दवा देते हैं जिसके सेवन से आप ठीक हो जाते हैं. लेकिन, एक ऐसा अस्पताल है जहां आप आएंगे तो सबसे पहले आपसे आपकी जन्मकुंडली मांगी जाएगी. इसी आधार पर इलाज शुरू किया जाएगा.

कुंडली तैयार करते हैं ज्योतिषाचार्य
अगर जन्मकुंडली नहीं है तो जन्म का समय और स्थान पूछकर आपकी कुंडली तैयार की जाएगी. वो भी उपलब्ध नहीं है तो हस्तरेखा, ग्रह नक्षत्र, मंत्र, उपासना के आधार पर मरीज का इलाज शुरू किया जाता है. ज्योतिषाचार्य हर बारीकियों को देखते हैं. अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि यह चिकित्सा पद्धति सैकड़ों वर्ष पुरानी है. मरीजों की इस चिकित्सा पद्धति में आस्था है.

मंत्र जाप और उपासना से होता है उपचार
दरअसल, दरभंगा जिले के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में बिहार का पहला ज्योतिष चिकित्सा केंद्र खोला गया है. यहां मरीजों की बीमारी पहचान पैथोलॉजी रिपोर्ट और या एक्स-रे देखकर नहीं बल्कि जन्मकुंडली, हस्तरेखा और राशिफल देखकर किया जाता है. इसके बाद मरीज को दवा के बदले मंत्र जाप के साथ उपासना और आराधना के अलावा ग्रह नक्षत्र का रत्न धारण कराकर उपचार शुरू किया जाता है.

जरूरत पड़ने पर दी जाती है आयुर्वेदिक दवा
ऐसा नहीं है कि सभी मरीजों का इलाज एक ही विधि से किया जाता है. कुछ मरीजों को जरूरत पड़ने पर आयुर्वेदिक दवा भी दी जाती है. जानकार बताते हैं कि पहले के जमाने में जो वैध मरीज का इलाज करते थे, वे ज्योतिष के भी जानकार होते थे. इसलिए आयुर्वेद को ज्योतिष चिकित्सा से अलग नहीं किया जा सकता है. यहां ज्योतिष चिकित्सा के अलावा योग और आयुर्वेद के आवश्यक घटक 'दिनचर्य', 'ऋतुचार्य' और 'पंचकर्म' के सिद्धांत के अनुसार मरीजों का उपचार किया जाता है. दूर दराज के लोगों के लिए अब फोन पर भी चिकित्सीय परामर्श के साथ मरीज का उपचार शुरू किया गया है.

दरभंगा के राजकीय महारानी रामेश्वरी विज्ञान संस्था में कई तरह के जड़ी बूटी वाले पौधे लगाए गए हैं जिससे लोगों को फायदा मिल सके. दरभंगा के सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि प्राचीन काल में यह विज्ञान काफी लोकप्रिय था लेकिन बदलते समय के साथ यह गुमनाम हो गया और नए युग के लोग इससे दूर हो गए. लेकिन, अब यह फिर से उपयोग में आ रहा है. सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज दरभंगा देश का पहला अस्पताल है जहां ज्योतिष चिकित्सा के माध्यम से मरीज का इलाज होता है.

मरीजों ने दिखाई ज्योतिष चिकित्सा में आस्था
यहां इलाज कराने आई शोभा कुमारी ने बताया कि नेत्र दोष के कारण उनके सिर में हमेशा दर्द रहता है. आंख के डॉक्टर से अपना इलाज कराया. डॉक्टर ने चश्मा भी दिया लेकिन परेशानी दूर नहीं हुई. ऐसे में उन्होंने अपना इलाज ज्योतिषाचार्य से कराया. ज्योतिषाचार्य ने उगते सूर्य को जल अर्पण के साथ सूर्य की उपासना का मंत्र बताया. शोभा देवी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अब ऐसा कर वह जल्द स्वस्थ हो जाएंगी.