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वायरस कर सकते हैं 'मरे हुए' कैंसर को फिर से एक्टिव, नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

एक नई रिसर्च में बड़ा खुलासा हुआ है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि वायरस इंफेक्शन, जैसे COVID-19, शरीर में सालों से छुपे कैंसर सेल्स को 'जगा' सकते हैं.

Viruses Linked to Awakening Hidden Cancer Cells Viruses Linked to Awakening Hidden Cancer Cells
हाइलाइट्स
  • कैंसर सेल्स कई बार दशकों तक शरीर में साइलेंट रहते हैं

  • वायरस इंफेक्शन से शरीर का इम्यून बैलेंस बिगड़ता है

अमरीका में University of Colorado Anschutz Medical Campus में हुई  एक स्टडी में कहा गया है कि वायरल इंफेक्शन शरीर में लंबे समय से ‘सोए’ हुए कैंसर सेल्स को जगा सकते हैं. इनमें कोरोना वायरस (COVID-19) भी शामिल है. रिसर्च के मुताबिक ये वायरस शरीर की इम्यून सिस्टम बैलेंस को बिगाड़ देते हैं और ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं, जिससे सालों से शांत पड़े कैंसर सेल्स अचानक एक्टिव होकर बढ़ने लगते हैं. यही वजह है कि कई बार बिना किसी ताजे रिस्क फैक्टर के भी कैंसर दोबारा लौट आता है.

कैसे जगते हैं सोए हुए कैंसर सेल्स?

  • कैंसर का सबसे मुश्किल पहलू यह है कि इसके कुछ सेल्स शरीर में लंबे समय तक बिना किसी लक्षण के छुपे रहते हैं. इन्हें डॉर्मेंट कैंसर सेल्स कहा जाता है.

  • ये सेल्स सालों तक शांत रहते हैं और किसी जांच में पकड़ में नहीं आते.

  • जैसे ही शरीर में वायरल इंफेक्शन होता है, इम्यून सिस्टम में हलचल मच जाती है.

  • इंफेक्शन से पैदा हुई इंफ्लेमेशन (सूजन) इन कैंसर सेल्स को एक्टिव कर देती है.

  • वैज्ञानिकों का कहना है कि हर संक्रमित व्यक्ति को कैंसर नहीं होगा, लेकिन यह मैकेनिज्म समझने से यह पता चलता है कि कई बार कैंसर अचानक क्यों लौट आता है.

कैंसर की हिस्ट्री वाले मराजों को नई उम्मीद

इस रिसर्च के नतीजे कैंसर ट्रीटमेंट की दिशा बदल सकते हैं. डॉक्टर अब उन मरीजों की निगरानी और बेहतर कर सकेंगे, जिन्हें कैंसर की हिस्ट्री है. यह समझकर कि कौन-सा मरीज वायरल इंफेक्शन से ज्यादा प्रभावित हो सकता है, समय रहते प्रिवेंटिव थेरेपी दी जा सकेगी. यह खोज इम्यूनोथेरेपी और पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट को भी नए आयाम दे सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसे टूल्स और दवाइयां विकसित हो सकती हैं, जो इन डॉर्मेंट सेल्स को एक्टिव होने से रोक सकें.

स्टडी ने यह साफ किया है कि संक्रमण, इम्यून सिस्टम और गंभीर बीमारियों के बीच गहरा संबंध है. इसलिए इम्यूनिटी मजबूत रखना जरूरी है. नियमित हेल्थ चेकअप और कैंसर स्क्रीनिंग को हल्के में नहीं लेना चाहिए. जिनकी कैंसर हिस्ट्री रही है, उन्हें किसी भी संक्रमण के बाद और ज्यादा सतर्क रहना चाहिए.

वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे न केवल बीमारी को समझने में मदद मिलेगी, बल्कि ऐसे इंटरवेंशन भी संभव होंगे, जो कैंसर को अचानक लौटने से रोक सकें. यानी, वायरस और कैंसर के इस लिंक ने भविष्य में मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण जगाई है.