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Expert Talk: अचानक ठंड और मौसम में बदलाव के चलते बढ़ रहे फ्लू और वायरल के मामले, आप खुद का ध्यान कैसे रख सकते हैं, जानिए

अगर आप भी इन दिनों बार-बार खाँसी, जुकाम, या हल्का बुखार महसूस कर रहे हैं, तो यह सिर्फ आपके साथ नहीं हो रहा। तेजी से बदलते मौसम और घटती हुई तापमान ने फ्लू और वायरल संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि कर दी है

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अगर आप भी इन दिनों बार-बार खांसी, जुकाम, या हल्का बुखार महसूस कर रहे हैं, तो यह सिर्फ आपके साथ नहीं हो रहा. तेजी से बदलते मौसम और कम होते तापमान ने फ्लू और वायरल संक्रमण के मामलों को बढ़ा दिया है. 

अब सवाल यह उठता है कि मौसम बदलने पर हमारे शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली कमजोर क्यों हो जाती है और हम बीमारियों के शिकार क्यों हो जाते हैं. आइए सीनियर फीजिशियन डॉक्टर मोहसिन वली से इसके पीछे की वजहों को समझने की कोशिश करते हैं.

मौसम बदलते ही हमारी इम्यूनिटी क्यों कम हो जाती है?
इन दिनों लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पहले से ही काफी कमजोर हो चुकी है. ऊपर से हवा में प्रदूषण, खाने में मिलावट और पानी की खराब क्वालिटी ने शरीर की ताकत और घटा दी है. ऐसे में जब मौसम बदलता है, तो परेशानी और बढ़ जाती है. सुबह घर से निकलते हैं तो ठंड लगती है, गर्म कपड़े पहन लेते हैं. दोपहर तक धूप निकल आती है, तापमान बढ़ जाता है. शाम को लौटते वक्त अगर कपड़े ठीक से न हों, तो सर्दी-जुकाम घेर लेता है. कुछ लोग अभी भी एसी चला रहे हैं या ठंडे पानी से नहा रहे हैं.  ये सब शरीर पर अचानक झटका डालते हैं. असल में अब शरीर को मौसम के बदलाव के साथ ढलने में ज्यादा वक्त लगने लगा है. यही वजह है कि सीजन बदलते ही लोग बीमार पड़ने लगते हैं क्योंकि शरीर अब पहले जैसा तेजी से एडजस्ट नहीं कर पाता.

मौसम बदलते ही क्यों बढ़ते हैं संक्रमण
मौसमी बदलाव के समय अक्सर लोगों को ठंड लगना, गले में खराश, कमजोरी या बुखार महसूस होता है. यह सब शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का संकेत है. अचानक तापमान में उतार-चढ़ाव शरीर के भीतर संतुलन को बिगाड़ देते हैं और इम्यून सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं.

ठंड या गर्मी के तेज बदलाव में शरीर को अपने तापमान को समायोजित करने के लिए ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है. यह अतिरिक्त प्रयास इम्यून सिस्टम को थका देता है और शरीर संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. इसके अलावा, हवा में बढ़ते फफूंदी के कण, वायरस और एलर्जेंस भी इम्यून सिस्टम को भ्रमित कर देते हैं, जिससे उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है.

शरीर की सुरक्षा कमजोर कैसे होती है
ब्रिटिश जर्नल ऑफ मेडिकल प्रैक्टिशनर्स (BJMP) में प्रकाशित शोध के अनुसार, ठंडी हवा और कम तापमान से फेफड़ों, गले और त्वचा की ऊपरी परतें कमजोर हो जाती हैं. ये ऊपरी परतें हमारे शरीर की पहली रक्षा की दीवार होती हैं. जब ये कमजोर होती हैं, तो वायरस और बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.

शोध यह भी बताता है कि शरीर के तापमान में केवल 1°C की गिरावट भी इम्यून प्रतिक्रिया को 5-6 गुना तक कम कर सकती है. इसके अलावा, मौसम बदलने पर हमारी रोजमर्रा की दिनचर्या भी प्रभावित होती है. पर्याप्त नींद न लेना और मानसिक तनाव बढ़ना हार्मोनल संतुलन को बदल देता है, जिससे इम्यून सिस्टम पर और दबाव पड़ता है.

जानिए कैसे रखें इम्यूनिटी मजबूत
डॉ. वली कहते हैं, आज के समय में सेफ रहना आसान नहीं है. न तो आप प्रदूषण से बच सकते हैं, न मिलावट से. ऐसे में सबसे पहला नियम है कम खाएं. जितना कम शरीर में जाएगा, उतना ही कम जहर जाएगा. खाने में सादगी रखें कम तेल-मसाला, ज़्यादा फल.

शरीर को प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है. खासकर शाकाहारी लोगों को, क्योंकि उनके पास प्रोटीन के विकल्प सीमित हैं जैसे पनीर या दालें. इसलिए कोशिश करें कि प्रोटीन और विटामिन C दोनों आहार में हों. नींबू इसका सबसे अच्छा स्रोत है.

प्रधानमंत्री ने भी मन की बात और लाल किले से यही कहा था, खाना सादा रखिए.

एक्सरसाइज को दिनचर्या में जरूर शामिल करें. व्यायाम शरीर में जमा टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को बाहर निकालता है. जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो शरीर में लैक्टिक एसिड बनता है और उसी के साथ बहुत से हानिकारक तत्व भी निकल जाते हैं.

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तनाव कम करें, धूम्रपान से बचें, और पर्याप्त नींद लें. नींद ही असली हीलिंग है.

नींद का सही समय:
    •    वयस्क: कम से कम 7 घंटे
    •    बच्चे: 12 घंटे
    •    किशोर या बढ़ती उम्र के बच्चे: 9 से 10 घंटे

याद रखें सादा खाना, अच्छी नींद और रोज थोड़ा पसीना ही असली इम्यूनिटी बूस्टर है.