scorecardresearch

कैसे रहती हैं Namita Thapar 48 में भी एकदम फिट, सोशल मीडिया पर डांस वीडियो ने खोले कई राज.. जानें क्या बोली वीडियो में

शार्क टैंक इंडिया की जज नमिता थापर ने इंस्टाग्राम पर डांस वीडियो शेयर कर पेरिमेनोपॉज़ में फिटनेस और मूड बैलेंस का राज बताया. जानें कैसे डांस, कार्डियो और हेल्दी हैबिट्स इस दौर को आसान बना सकते हैं.

Namita Thapar Namita Thapar

शार्क टैंक इंडिया की जज और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर ने 6 सितंबर को इंस्टाग्राम पर एक डांस वीडियो शेयर कर महिलाओं को अपनी सेहत और वेल-बीइंग को प्रारयोरिटी देने के लिए प्रेरित किया.

डांस से फिटनेस और मूड में सुधार
वीडियो में नमिता अपने दोस्त के साथ बॉलीवुड बीट्स पर थिरकती नज़र आईं. उन्होंने बताया कि पेरिमेनोपॉज़ के दौरान डांस मूड को बेहतर बनाने और फिट रहने का बेहतरीन तरीका है. यह दौर अक्सर मूड स्विंग्स, हॉट फ्लैशेज़ और जोड़ों के दर्द जैसे लक्षण लेकर आता है. नमिता ने कहा कि वह जिम, योगा और पिलाटेस की जगह कभी-कभी डांस को चुनती हैं ताकि वर्कआउट मजेदार बने और मोटिवेशन बना रहे.

नमिता का पर्सनल अनुभव
नमिता लिखती है कि पेरिमेनोपॉज़ में मूड स्विंग्स आम हैं, और ऐसे समय में दोस्त के साथ डांस करना फिटनेस और मूड दोनों को बेहतर बनाता है. मेरे बच्चों का नाम वीर और जय है, तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि मुझे बॉलीवुड कितना पसंद है. 

इसलिए मैं अपने जिम, योगा और पिलाटेस के बीच बॉलीवुड डांस को मिक्स करती हूं ताकि बोर न होऊं और हमेशा मूव करने के लिए मोटिवेटेड रहूं. उन्होंने आगे लिखा कि पेरिमेनोपॉज़ ने उन्हें यह मानसिकता दी है कि “मैं 48 की हूं और अब मैं खुद का ख्याल रखने में सेल्फिश रहूंगी, दुनिया चाहे कुछ भी कहे."

डांस ही नहीं, ये आदतें भी हैं ज़रूरी
विशेषज्ञ मानते हैं कि डांसिंग एक मजेदार और असरदार तरीका है एक्टिव रहने का, लेकिन इसके अलावा भी कुछ आदतें हैं जो पेरिमेनोपॉज़ के लक्षणों को कम कर सकती हैं. जैसे कि Zone 2 Cardio वर्कआउट करना, रोज़ाना क्रिएटिन और मैग्नीशियम लेना स्ट्रॉन्ग और एनर्जेटिक बने रहने के लिए डेली रूटीन फॉलो करना.

एंजेला फॉस्टर का अनुभव
26 जुलाई को फिटनेस कोच एंजेला फॉस्टर ने भी इंस्टाग्राम पर अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि 40 की उम्र में 7 डेली हैबिट्स ने उन्हें मजबूत और दुबला-छरहरा बनाए रखा.

उन्होंने कहा कि पेरिमेनोपॉज़ में अक्सर लगता है कि शरीर हमारे खिलाफ काम कर रहा है, लेकिन इन आदतों ने मुझे इस ट्रांज़िशन के दौरान स्ट्रॉन्ग, एनर्जेटिक और रेज़िलिएंट बनाए रखा.