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What is Vitiligo: क्या है विटिलिगो बीमारी, जिससे पीड़ित हैं साउथ की मशहूर एक्ट्रेस ममता मोहनदास

अक्सर हम अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जिन्हें शरीर पर जगह-जगह सफेद दाग या पैच हैं. आपको बता दें, यह एक स्किन डिसऑर्डर है जिसे Vitiligo कहते हैं.

Mamta Mohandas (Photo: Instagram) Mamta Mohandas (Photo: Instagram)
हाइलाइट्स
  • स्किन अलग-अलग हिस्सों से अपना रंग खोने लगती है

  • मेलेनोसाइट्स नामक कोशिका है जरूरी

मशहूर साउथ एक्ट्रेस, ममता मोहनदास ने खुलासा किया है कि उन्हें ऑटोइम्यून बीमारी विटिलिगो है. रविवार को इंस्टाग्राम पर ममता ने इस बात का खुलासा किया और उनकी पोस्ट से पता चला कि फिलहाल उनका इलाज चल रहा है. आपको बता दें कि इससे पहले एक्ट्रेस दो बार कैंसर को मात दे चुकी हैं. 

उम्मीद है कि ममता विटिलिगो को भी हरा देंगी. अब सवाल है कि आखिर विटिलिगो क्या है? विटिलिगो को ही आम भाषा में सफेद दाग कहा जाता है. विटिलिगो एक स्किन डिसऑर्डर है. इस बीमारी में आपकी स्किन अलग-अलग हिस्सों से अपना रंग खोने लगती है. 

क्या है विटिलिगो 
स्किन का अलग-अलग हिस्सों से अपना रंग खो देना और शरीर के किसी भी हिस्से पर सफेद-सफेद पैच पड़ जाने को विटिलिगो कहते हैं. हर इंसान में विटिलिगो से प्रभावित होने वाली त्वचा का एरिया अलग-अलग और कम-ज्यादा हो सकता है. किसी के हाथ-पैर तो किसी का चेहरा या अन्य कोई हिस्सा इससे प्रभावित होता है. 

जहां-जहां सफेद दाग होते हैं, वह हिस्सा सूर्य के प्रति ज्यादा संवेदनशील होता है. साथ ही, यह बताना भी मुश्किल होता है कि सफेद दाग फैलेगा या नहीं. अगर फैलेगा तो कई बार हफ्ते में फैल जाता है तो कई बार महीनों या सालों तक एक जैसा रहता है.

विटिलिगो के लक्षण
विटिलिगो का एकमात्र लक्षण त्वचा पर सपाट हल्के रंग के धब्बे या पैच का दिखना है. स्किन का कोई हिस्सा बाकी हिस्से की तुलना में थोड़ा पीला होना शुरू होता है और फिर समय के साथ यह सफेद दाग में बदल जाता है. ये पैच आमतौर पर आकार में अनियमित होते हैं. 

आमतौर पर, हालांकि, यह त्वचा में किसी भी तरह की परेशानी, जलन, दर्द या रूखेपन का कारण नहीं बनते हैं. लेकिन सफेद दाग वाले हिस्से में खुजली होना आम बात है. 

किस कारण होता है विटिलिगो
विटिलिगो का मुख्य कारण मेलेनोसाइट्स नामक कोशिकाओं के नष्ट होने को बताया जाता है. आपको बता दें कि ये कोशिकाए त्वचा को प्राकृतिक रंग प्रदान करने का काम करती हैं. लेकिन जब ये कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और अपना काम करना बंद कर देती हैं तो त्वचा का रंग बदलने लगता है और इस कारण सफेद दाग होते हैं. 

हालांकि, इस बात का कोई पुख्ता कारण नहीं है कि ये कोशिकाएं क्यों नष्ट होती है. लेकिन रिसर्चर्स कुछ कारण बताते हैं:

  • आनुवांशिकी: परिवार में यदि किसी को पहले यह स्थिति रही है तो काफी चांस हैं आपतो विटिलिगो होने के. 
  • ऑटोइम्यून रिस्पॉन्स: शरीर का इम्यून सिस्टम मेलानोसाइट्स पर हमला करता है और उन्हें खत्म कर देता है. 
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस: जब लोगों में ऑक्सीजन अणुओं और एंटीऑक्सीडेंट का असंतुलन होता है, तो इससे विटिलिगो हो सकता है.
  • पर्यावरणीय कारक: जैसे इमोशनल स्टेर्स, सनबर्न या किसी केमिकल के कारण, त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं.