Drinking excessive water in short time not good for health.
Drinking excessive water in short time not good for health. अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि पानी जितना पियो उतना अच्छा! हालांकि, पानी पीना अच्छी आदत है लेकिन सिर्फ पर्याप्त मात्रा में. जी हां, खाने की तरह पानी भी उतना ही पीना चाहिए जितनी हमारे शरीर को जरूरत है. क्योंकि जरूरत से ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. पिछले साल एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें एक अमेरिकी महिला ने बहुत ज्यादा पानी पीने के कारण अपनी जान गंवा दी!
इंडियाना में झील के किनारे 4 जुलाई की जश्न मनाते हुए एश्र्ले समर्स नामक महिला को बहुत ज्यादा प्यास लगी. एश्र्ले के भाई डेवन ने गुड मॉर्निंग अमेरिका को बताया कि उनकी बहन ने 20 मिनट में लगभग दो लीटर पानी पी लिया. इसके बाद उन्हें चक्कर आने लगे और वह अपने घर के गैरेज में बेहोश हो गईं. अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
वास्तव में क्या हुआ?
डॉक्टर्स के अनुसार, एश्र्ले की मौत पानी से विषाक्तता (Water Intoxication) या जल विषाक्तता के कारण हुई. यह तब होता है जब शरीर में इतनी अधिक मात्रा में पानी पहुंच जाता है कि किडनी उसे निकाल नहीं पाते, जिससे खून में जरूरी मिनरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है.
क्या है वाटर इन्टोक्सिसेशन
वाटर इन्टोक्सिसेशन या जल विषाक्तता, जिसे जल नशा या ज्यादा जल सेवन भी कहते हैं, तब होती है जब आप कम समय में अत्यधिक मात्रा में पानी पी लेते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्यतः, आपके गुर्दे लगभग 0.8 से 1 लीटर पानी प्रति घंटे फिल्टर कर निकाल सकते हैं. इससे ज्यादा पानी तेजी से पी लेने पर किडनी शरीर के फ्लुइड और मिनरल्स के बैलेंस को बनाए रखने में असमर्थ हो जाती हैं. जब बहुत ज्यादा पानी ब्लड स्ट्रीम में आता है, तो यह सोडियम और दूसरे इलेक्ट्रोलाइट्स की कंसंट्रेशन को पतला कर देता है.
सोडियम एक महत्वपूर्ण मिनरल है जो आपके शरीर की कोशिकाओं के अंदर और बाहर फ्लुइड के संतुलन को नियंत्रित करता है. जब सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो हायपोनैत्रेमिया (Hyponatremia) नामक कंडीशन हो जाती है, जिससे पानी सेल्स में चला जाता है और वे फूलने लगती हैं.
शरीर के अंदर क्या होता है?
ज्यादा पानी के कारण कोशिकाओं में सूजन आना खासकर ब्रेन के लिए खतरनाक होता है. क्योंकि स्कल (खोपड़ी) एक सख्त और सीमित जगह है, इसलिए जब ब्रेन की कोशिकाएं फूलती हैं तो खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ जाता है. इस दबाव से दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता और इसके कारण भ्रम, सिरदर्द, मतली, उल्टी जैसे लक्षण होते हैं. अगर दबाव और बढ़ता है, तो यह दौरे, बेहोशी, कोमा, मस्तिष्क क्षति और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है. इस कंडीशन को सेरेब्रल एडिमा (मस्तिष्क की सूजन) कहा जाता है. यह कंडीशन जल विषाक्तता (Water Intoxication) के कारण हो सकती है.
क्या है वाटर इनटोक्सिसेशन के लक्षण
जल विषाक्तता के लक्षण शुरू में हल्के होते हैं लेकिन जल्दी गंभीर हो सकते हैं। शुरुआती लक्षण हैं:
जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, ये लक्षण हो सकते हैं:
ये लक्षण ब्रेन सेल्स में सूजन और नर्वस सिस्टम की खराबी के कारण होते हैं.
किन लोगों को है खतरा
वैसे तो वाटर इनटोक्सिसेशन होना दुर्लभ है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह हो सकता है:
कितना पानी ज्यादा है?
यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है, क्योंकि शरीर का वजन, किडनी की सेहत, एक्टिविटी का लेवल और मौसम आदि पानी की जरूरत को प्रभावित करते हैं. हालांकि, लगातार कई घंटे तक लगभग 1 लीटर से ज्यादा पानी प्रति घंटे पीना हानिकारक हो सकता है.
कैसे करें बचाव
डिस्क्लेमर: यह लेख चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है. सही मात्रा और तरीका जानने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें.