डॉक्टर जीभ क्यों देखते हैं
डॉक्टर जीभ क्यों देखते हैं क्या आपने कभी नोटिस किया है कि आखिर जब भी हम डॉक्टर के पास स्वास्थ्य जांच के लिए जाते हैं, तो डॉक्टर सबसे पहले जीभ दिखाने कहते हैं. यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा कारण है. दरअसल, जीभ का रंग, उसकी नमी, बनावट और उस पर जमी परत शरीर के अंदर चल रही कई समस्याओं का संकेत देती है.
गुलाबी रंग की जीभ का मतलब
एक स्वस्थ व्यक्ति की जीभ आमतौर पर गुलाबी रंग की, हल्की नम और साफ होती है. अगर जीभ के रंग, नमी या सतह में बदलाव दिखे तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. पाचन तंत्र की गड़बड़ी, कमजोरी, मानसिक तनाव से लेकर गंभीर बीमारियों तक के लक्षण जीभ पर नजर आ सकते हैं.
जीभ पर सफेद परत का मतलब
अगर आपकी जीभ पर सफेद परत जमी रहती है, तो यह फंगल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है. यह समस्या बच्चों, बुजुर्गों, मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों या लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाएं लेने वालों में अधिक देखी जाती है. कई बार मुंह की सफाई ठीक न होने से भी सफेद परत दिख सकती है.
नीली, बैंगनी, काली या भूरी जीभ
नीली या बैंगनी रंग की जीभ दिल या फेफड़ों से जुड़ी समस्या की ओर इशारा कर सकती है. शरीर में ऑक्सीजन की कमी या विटामिन बी2 की कमी भी इसका कारण हो सकती है. वहीं काली या भूरी जीभ दिखना धूम्रपान, मुंह की गंदगी, मुंह का सूखापन या कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हो सकता है.
लाल जीभ क्या बताती है?
अगर जीभ जरूरत से ज्यादा लाल दिखाई दे, तो यह शरीर में गर्मी, बुखार या सूजन का संकेत हो सकता है. इसके अलावा फोलिक एसिड या विटामिन बी12 की कमी से भी जीभ लाल हो जाती है. बच्चों में लाल जीभ स्कारलेट फीवर या कावासाकी बीमारी का लक्षण भी हो सकती है.
पीली और गीली जीभ
बहुत ज्यादा पीली और गीली जीभ आमतौर पर सर्दी-जुकाम, कमजोरी या पाचन समस्या की ओर इशारा करती है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने का संकेत भी हो सकता है.
मानसिक तनाव का असर जीभ पर
पुराने समय के चीनी चिकित्सकों का मानना था कि मानसिक तनाव और ज्यादा सोचने की आदत का असर भी जीभ पर दिखाई देता है. कभी-कभी जीभ पर ज्यादा चिकनाहट या अजीब बनावट यह बताती है कि व्यक्ति तनाव में है या बहुत ज्यादा तला-भुना और जंक फूड खा रहा है. आज के समय में VELscope जैसे आधुनिक टेस्ट से जीभ और मुंह के कैंसर की शुरुआती पहचान भी संभव है. इसलिए जीभ में लंबे समय तक घाव, रंग बदलना या दर्द हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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