
आमतौर पर वजन कम करने वालों के लिए एक धारणा बनी हुई है कि दिन के 10 हजार कदम चले जाएं. हालांकि कुछ लोगों को यह बात डिमोटिवेट कर देती है, जब उनके दिन के 10 हजार कदम पूरे नहीं हो पाते हैं. ऐसे में कुछ नया करने की जरूरत होती है. वजन कम करने का एक सिंपल फंडा है कि केलोरी को घटाया जाए. इसके लिए कई तरह की एसरसाइज की जाती है. लेकिन 10 हजार कदम चलने वाली टेकनीक से कुछ लोग बोर हो जाते है, तो उनके लिए 'जेपनीज़ टेकनीक' मौजूद है.
क्या है जैपनीज़ टेकनीक
जैपनीज़ टेकनीक से अगर आप वॉकिंग करते हैं तो आप कुछ देर नॉर्मल वॉक करते हैं. फिर 30-60 सेकंड के लिए अपनी रफ्तार बढ़ाते हैं. उसके बाद फिर नॉर्मल वॉकिंग करते हैं. इस पैटर्न में वॉकिंग करने से भी आपकी केलोरी काफी कम होती है. साथ ही सेहत पर भी बेहतर असर होता है. आपका कोलेस्ट्रोल कम होता है. बीपी भी नॉर्मल होता है. ब्लड शुगर लेवल भी काबू में आता है.
किस तरह काम करती है यह टेकनीक
दरअसल जब आप नॉर्मल वॉक करते हैं तो आप केलोरी बर्न करते हैं. फिर जब अपना थोड़ी देर के लिए पेस बढ़ाते हैं तो एक स्पाइक आता है और केलोरी ज्यादा बर्न होती. फिर आप नॉर्मल वॉक करते हैं, तो इस दौरान आपकी बॉडी रिलैक्स करती है. वह खुद को स्पाइक के दौरान आए बदलाव से नॉर्मल मोड में ढालती है. साथ ही आपके मसल्स को भी आराम मिल जाता है.
बनते है मसल्स भी
इस टेकनीक में जब आप अपना पेस हाई करते हैं और स्पाइक आता है. उस दौरान शरीर बॉडी में स्टोर फैट को बर्न करता है जिससे आप लीन होते है. साथ ही मसल्स के ज्यादा काम करने से उनपर जोर पड़ता है, तो वह भी हरकत में आती है और स्ट्रॉन्ग बनती हैं.
कई तरीके है जैपनीज़ टेकनीक में
आप इस टेकनीक को करने के दौरान साइड बाय साइड चल सकते हैं. या फिर जिग-जैक तरह से चल सकते हैं. इसके अलावा आप पीछे की तरफ भी चल सकते हैं. इससे आपके लैग मसल्स काफी स्ट्रॉग बनते है. आप वेरिएशन को अपनकर अपने गोल के अनुसार इस एकसरसाइज को कर सकते हैं.