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World Thalassemia Day: थैलेसीमिया के मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, जानें

What to Eat and Avoid in Thalassemia: थैलेसीमिया ब्लड से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान देना होता है. कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनको डाइट में शामिल करने पर मरीजों को फायदा होता है. जबकि कुछ चीजों को इस बीमारी में परहेज करना जरूरी होता है.

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थैलेसीमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है. इसमें खून में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है. जिससे सेहत से संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसे एप्लास्टिक एनीमिया के नाम से भी जाना जाता है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को एनीमिया और थकान कारण भी बनती है. इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. इससे पीड़ित मरीज को डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. चलिए आपको बताते हैं कि इसके मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए.

मरीजों को क्या खाना चाहिए-
थैलेसीमिया के मरीजों को आयरन से भरपूर चीजों का खाना चाहिए. ये बॉडी में हीमोग्लोबिन बढ़ाने का काम करते हैं. पालक, अनार, चुकंदर, बादाम, सेब और किशमिश आयरन के बेहतरीन स्रोत हैं. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को इन चीजों का सेवन करना चाहिए. मरीजों को डाइट में इन चीजों को नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा फॉलिक एसिड युक्त भोजन करना चाहिए. फॉलिक एसिड लेने के लिए बींस, केला, मकई, नाशपाती, पालक, चुकंदर खा सकते हैं. फॉलिक एसिड से बॉडी में नए ब्लड सेल्स बनते हैं. इसके अलावा विटामिन बी12 और विटामिन सी भी थैलेसीमिया के मरीजों के लिए जरूरी है.

मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए-
थैलेसीमिया की मरीजों बॉडी में आयरन की पूर्ति के लिए कई चीजों का सेवन करना जरूरी है. लेकिन कई चीजें ऐसी भी हैं, जिनको थैलेसीमिया के मरीजों को परहेज करना चाहिए. मरीजों को मैदा, उड़द, चना, बैंगन और भिंडी नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा मरीजों को फास्ट फूड और जंक फूड से दूर रहना चाहिए. बेकरी प्रोडक्ट्स के अलावा ज्यादा नमक और देर से पचने वाले पदार्थों को नहीं खाना चाहिए. मरीजों को चाय और कॉफी जैसे कैफिन युक्त पदार्थों से भी दूर रहना चाहिए.

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इन बातों का रखना है खास ख्याल-
थैलेसीमिया के मरीजों को कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. मरीजों को गर्मी से बचना चाहिए. इसके अलावा कच्चे ऐर अधपके भोजन का सेवन कतई नहीं करना चाहिए. ताजा भोजन करने से मरीजों को फायदा होता है. इससे पीड़ित मरीजों को ओवरइटिंग से बचना चाहिए. हालांकि दिनभर का कोई भी मील स्किप नहीं करना चाहिए. मरीजों को खाना खाने के बाद 5-10 मिनट तक टहलना चाहिए. इसके अलावा मरीजों को 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए.

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