बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोटों की गिनती जारी है. इस बार का चुनाव बेहद हाई-वोल्टेज मुकाबला माना जा रहा है. 243 सीटों के रुझान में NDA क्लीन स्वीप करती दिख रही है. NDA 190 और महागठबंधन 49 सीटों पर आगे है. इस बार का चुनाव इसलिए भी खास बन गया है क्योंकि मैदान में सिर्फ सियासी चेहरे ही नहीं, बल्कि मनोरंजन जगत से जुड़े बड़े सितारे भी उतरे हैं. फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री में नाम कमा चुके ये कलाकार अब जनता के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. जानिए, कौन-कौन से स्टार उम्मीदवार इस चुनाव में अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं और मतदाताओं का फैसला किस तरफ जाएगा.
बड़े नेताओं की स्थिति पर नजर डालें तो राघोपुर से तेजस्वी यादव ने इस बार भी बढ़त बना ली है और वह NDA उम्मीदवार सतीश यादव को पीछे छोड़ते दिख रहे हैं. वहीं उनके बड़े भाई तेज प्रताप महुआ सीट से फिलहाल पिछड़ रहे हैं. तारापुर से सम्राट चौधरी लगातार आगे चल रहे हैं, जबकि रघुनाथपुर में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने एक बार फिर बढ़त हासिल कर ली है.
बॉलीवुड दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह की बहन भी चुनावी मैदान में उतरी हैं. दिव्या गौतम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के टिकट पर पटना की दीघा सीट से उम्मीदवार हैं और भाजपा के संजीव चौरसिया से 24000 वोटों से पीछे हैं.
फेमस सिंगर रितेश पांडे जन सुराज पार्टी के टिकट पर करगहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे रितेश पांडे का सुपरहिट गाना 'हैलो कौन' यूट्यूब पर 900 मिलियन से अधिक बार देखा गया, जो अब तक का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला भोजपुरी गाना है. रितेश JDU के बशिष्ठ सिंह से लगभग 7000 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
चनपटिया विधानसभा सीट से जन सुराज के उम्मीदवार मनीष कश्यप लगभग हार की कगार पर हैं. यहां से भाजपा से UMAKANT SINGH आगे चल रहे हैं.
द प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर बीजेपी के संजय सरावगी बढ़त बनाए हुए हैं.
लोकगायिका मैथिली ठाकुर दरभंगा के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनावी मैदान में हैं. मैथिली ठाकुर का ये पहला विधानसभा चुनाव है. उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा है. उनका सीधा मुकाबला आरजेडी है. मैथिली आरजेडी के बिनोद मिश्रा से 9 हजार वोटों से आगे चल रही हैं.
छपरा की सीट से RJD के टिकट पर उतरे खेसारी लाल यादव भाजपा की छोटी कुमारी से करीब 1600 वोटों से पीछे चल रहे हैं. इस बार खेसारी ने ऐसा धुआंधार प्रचार किया कि उनकी रैलियों में आई भीड़ से उनकी जीत को पक्का मान लिया गया. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि खेसारी का स्टारडम वोटों में तब्दील हो पाएगा या नहीं, ये देखने वाली बात रहेगी.