दिल्ली-एनसीआर की हवा जानलेवा बनती जा रही है. सोमवार सुबह तक दिल्ली एनसीआर का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 के पार पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
दिवाली के बाद से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है पटाखों का धुआं, पराली और धीमी हवाओं ने मिलकर दिल्ली को गैस चैंबर में बदल दिया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतनी जहरीली हवा में सांस लेना रोजाना 8-10 सिगरेट पीने के बराबर है.
दिल्ली से सटे इलाकों में हालात और खराब हैं. नोएडा में सुबह के वक्त AQI 400 के पार रहा, जबकि गुरुग्राम का स्तर 370 के करीब पहुंचा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोग सुबह-शाम के समय बाहर न निकलें, एन95 मास्क का इस्तेमाल करें और घरों में एयर प्यूरीफायर चलाएं.
दिल्ली की हवा में अब केवल PM 2.5 या धूलकण ही नहीं, बल्कि माइक्रोप्लास्टिक और हैवी मैटल्स भी तैर रहे हैं. ये शरीर के अंदर जाकर ‘ट्रोजन हॉर्स’ की तरह असर करती हैं. इम्यूनिटी घटाती हैं, कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ाती हैं और डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं. अब लगातार नई स्टडीज में सामने आ रहा है कि इससे ब्रेन की फंक्शनिंग भी प्रभावित होती है.
खराब हवा में सांस लेना कई बार सिगरेट पीने से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. भारत में हर साल करीब 30 लाख लोगों की मौत प्रदूषण से होती है. पीएम 2.5 के 35% बढ़ने से मृत्यु दर 24% तक बढ़ जाती है. अगर कोई व्यक्ति 64 AQI लेवल पर 24 घंटे तक सांस ले रहा है तो यह दिन भर में एक सिगरेट पीने जैसा है.
दिल्ली जैसे शहरों में जब AQI स्तर 250 से ऊपर पहुंच जाता है, तो विशेषज्ञों के मुताबिक यह रोजाना लगभग 8 से 10 सिगरेट पीने के बराबर होता है. इसी कारण डॉक्टरों ने स्कूलों के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाने की सलाह दी है ताकि बच्चों को लगातार प्रदूषित हवा में सांस न लेनी पड़े.
साथ ही, पर्यावरण विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से एक अलग ‘वायु प्रदूषण मंत्रालय’ बनाने की मांग की है, जो सिर्फ हवा की गुणवत्ता, शहरी योजना और प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हो.
दिल्ली की बिगड़ती हवा की स्थिति के बीच, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने वाले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने रविवार शाम आपात बैठक बुलाई. बैठक में आईएमडी (IMD) और आईआईटीएम (IITM) के विशेषज्ञों द्वारा जारी ताजा मौसम पूर्वानुमान और प्रदूषण से जुड़े आंकड़ों की विस्तार से समीक्षा की गई.
दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों से विशेष अपील की है. उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अधिक से अधिक कारपूलिंग का इस्तेमाल करें और निजी वाहनों का प्रयोग सीमित रखें.
बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के ऑफिस समय में बदलाव किया है. नई व्यवस्था 15 नवंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक लागू रहेगी. इसके तहत दिल्ली सरकार के दफ्तर अब सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेंगे, जबकि नगर निगम (MCD) के कार्यालय सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुले रहेंगे. यह कदम ट्रैफिक और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है.