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Aadi Mahotsav: आदि महोत्सव क्या है? जिसका पीएम मोदी 16 फरवरी को मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में करेंगे आगाज, जानें क्या होगा खास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 फरवरी 2023 को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. इसमें 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • इस महोत्सव में एक हजार से ज्यादा कलाकार और कारीगर लेंगे हिस्सा 

  • 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी 2023 को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को यह जानकारी दी. 16 से 27 फरवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक हजार से ज्यादा कलाकार और कारीगर हिस्सा लेंगे. 

वाणिज्य और पारंपरिक कला की झलक 
जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के मुताबिक आदिवासियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने और उनकी कला-संस्कृति को पहचान दिलाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा. हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि आकर्षण का केंद्र होगा. 

उठा सकेंगे आदिवासी जायके का लुत्फ 
11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे. 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,वा रोटी, भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश का जायका खास तौर पर मिलेगा. तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर के आदिवासी जायके का लुत्फ भी मिलेगा.

200 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे
आदिवासी संस्कृति शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (TRIFED) की एक वार्षिक पहल है. कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के प्रस्ताव पर वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष भी घोषित किया है.  ऐसे में महोत्सव में विशेष ध्यान आदिवासियों द्वारा उगाए गए श्री अन्न को प्रदर्शित करने पर होगा.