
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने गुरुवार को सदन में अफसरों द्वारा फोन नहीं उठाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि वह एक जिलाधिकारी को फोन कर रहे हैं, लेकिन वह उनका फोन नहीं उठा रहे हैं. ऐसे तमाम अफसरों को सीएम रेखा गुप्ता द्वारा जारी उस आदेश का बहाना मिल गया है, जिसमें कहा गया है कि विधायक या मंत्री यदि किसी डीएम, एसडीएम को बुलाना चाहते हैं तो इसके लिए मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी.
उन्होंने कहा कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है. ब्यूरोक्रेसी तो ऐसे ही इंतजार करती रहती है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के काम को रोकने के लिए कैसे कोई बहाना मिल जाए? यह आदेश सदन की अवमानना भी करता है. लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष से अपील है कि वह सरकार को अपना आदेश वापस लेने के लिए कहें.
सीएम रेखा गुप्ता ने दिया है यह आदेश
दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने कहा कि कुछ दिन पहले सीएम रेखा गुप्ता ने एक आदेश जारी किया था कि अगर किसी विधायक या मंत्री किसी डीएम या एसडीएम को मीटिंग में बुलाना होगा तो उसे मुख्य सचिव की अनुमति लेनी होगी. यह सवाल केवल विपक्ष-पक्ष के विधायकों का नहीं है, यह किसी मंत्री का है. यह पूरे सदन का अवमानना है. मैंने इस संबंध में विशेषाधिकार का एक नोटिस दिया था. मैं उम्मीद करता हूं कि विधानसभा अध्यक्ष उस नोटिस को स्वीकार करेंगे.
...तो जनतंत्र की पूरी परिभाषा ही हो जाएगी खत्म
आप विधायक संजीव झा ने कहा कि अगर इस तरह से कार्यकारिणी विधान मंडल को कंट्रोल करने लगेगा, तो जनतंत्र की पूरी परिभाषा ही खत्म हो जाएगी. संजीव झा ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा कि हमारा संरक्षण आप ही कर सकते हैं. सदन के संरक्षण की जिम्मेदारी और दायित्व विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में है. इस तरह का आदेश इस सदन की अवमानना है. यदि यह सदन की अवमानना है तो यह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की भी अवमानना है.
सरकार आदेश को तत्काल ले वापस
आप नेता संजीव झा ने कहा कि कोई भी ऐसा आदेश जिससे विधान मंडल को नीचा दिखाने की कोशिश की जाए, चूंकि जनतंत्र में जनता अपना प्रतिनिधि चुनती है और जनतंत्र व संविधान में सबसे सुप्रीम जनता है. ऐसे में जनता की इच्छा का अपमान करना, संविधान का अपमान करने के बराबर है. ब्यूरोक्रेसी ऐसे ही इंतजार करती रहती है कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों के काम को कैसे रोकें? सीएम द्वारा जारी आदेश सिद्ध कर रहा है कि इस आदेश के बाद डीएम, एसडीएम का फोन नहीं उठाने का एक बहाना मिल जाएगा और मेरा फोन डीएम नहीं उठा रहा है. सीएम का आदेश गलत है. सरकार इस आदेश को तत्काल वापस ले.