scorecardresearch

Agnipath scheme: आनंद महिंद्रा का बड़ा ऐलान, चार साल बाद 'अग्निवीरों' की भर्ती करेगा महिंद्रा ग्रुप

Agnipath scheme: केंद्र सरकार ने 14 जून को भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में सेवा देने के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की. इसके बाद से ही देशभर में इस योजना को लेकर हिंसक प्रदर्शन जारी है.

आनंद महिंद्रा आनंद महिंद्रा
हाइलाइट्स
  • अग्निवीरों को नौकरी देगा महिंद्रा ग्रुप

  • देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन

देश के कई राज्य अग्निपथ योजना के विरोध के आग की आंच झेल रहे हैं. इसी बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सेना में चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों की भर्तियों का ऐलान किया है.

आनंद महिंद्रा ने किया बड़ा ऐलान
आनंद महिंद्रा ने अपने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी देते हुए लिखा, अग्निपथ योजना को लेकर हो रही हिंसा से दुखी हूं. पिछले साल जब इस योजना पर विचार किया गया था, तब भी मैंने कहा था और फिर से दोहराता हूं- अग्निवीरों द्वारा हासिल किया गया अनुशासन और कौशल रोजगार योग्य बना देगा. महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के अवसर का स्वागत करता है.

अग्निवीरों के रोजगार की अपार संभावनाएं
आनंद महिंद्रा से जब पूछा गया कि वह अग्निवीरों को कंपनी में क्या पोस्ट देंगे? इसपर उन्होंने जवाब देते हुए लिखा 'लीडरशिप क्वॉलिटी, टीम वर्क और शारीरिक प्रशिक्षण की वजह से अग्निवीर के रूप में इंडस्ट्री को बाजार के लिए तैयार पेशेवर मिलेंगे. कॉरपोरेट जगत में अग्निवीरों के रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. ये लोग एडमिनिस्ट्रेशन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट कहीं भी काम कर सकते हैं.'

देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन
बता दें, अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से कई लोग अग्निवीरों के भविष्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं. चार साल के लिए सेना में नियुक्ति की इस योजना को लेकर देश के युवा नाराज हैं और हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए हैं. रविवार को इस योजना को लेकर तीनों सेनाओं की तरफ से एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई. जिसमें साफ कहा गया कि यह योजना वापस नहीं ली जाएगी. 

अग्निपथ योजना क्या है
केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की. इस योजना के तहत युवाओं को 4 साल के लिए तीनों सेना आर्मी,  एयरफोर्स और नेवी में भर्ती होने का मौका मिलेगा. इसे टूर ऑफ ड्यूटी का नाम भी दिया गया है. जिसका मकसद रक्षा बलों का खर्च और उम्र घटाना भी है.