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Ahmedabad Plane Crash: विमान दुर्घटना की स्थिति में क्या करें... कैसे बचाएं खुद की जान... जानिए 8 जरूरी टिप्स

Air India Flight Crash: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद अधिकांश लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा है कि प्लेन हादसे के दौरान खुद को कैसे बचाया जा सकता है. वैसे तो विमान हादसे के बाद बचने के संभावना कम होती लेकिन फिर भी कुछ जरूरी टिप्स को अपनाकर जान बचाई जा सकती है. 

Ahmedabad Plane Crash Ahmedabad Plane Crash
हाइलाइट्स
  • फ्लाइट का टिकट बुक करते समय पिछली सीट लेने की करें कोशिश 

  • सीट के आगे रखे Safety Card को जरूर पढ़ें

गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान AI-171 गुरुवार दोपहर को टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में 230 यात्री समेत 12 क्रू मेंबर्स सवार थे. इस हादसे में आधिकांश यात्रियों की मौत हो गई है. इस विमान हादसे के बाद अधिकांश लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा है कि विमान हादसे के दौरान खुद को कैसे बचाया जा सकता है. वैसे तो विमान हादसे के बाद बचने के संभावना कम होती लेकिन कुछ जरूरी टिप्स को अपनाकर जान बचाई जा सकती है. 

सही फैसला लें और दिमाग को रखें शांत 
प्लेन में बैठे अधिकांश यात्री विषम परिस्थिति में घबराकर चीख-पुकार करने लगते हैं. कुछ लोग सुध-बुध खो बैठते हैं. इतना ही नहीं कई लोग एयरक्राफ्ट के निर्देशों का पालन करना भी भूल जाते हैं. हालांकि इस विषम परिस्थिति में भी यात्री पहले से सचेत हों और कुछ जरूरी टिप्स को अपनाएं तो वे खुद की जान बचा सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि संकट की घड़ी में सही फैसला और शांत दिमाग आपकी जिंदगी बचा सकता है. 

यात्री बरतें ये सावधानियां
1. यात्री को प्लेन से ट्रैवेल शुरू करने से पहले ही सतर्कता बरतनी चाहिए. प्लेन में बैठते ही आपातकालीन निकास (Emergency Exit) और उपकरणों की जानकारी लें. यह जरूर जान लें कि निकास द्वार आपकी सीट से कितनी दूरी पर है. इमरजेंसी के समय धुआं या अंधेरा होने पर यह जानकारी बहुत काम आती है. सीट के आगे रखे Safety Card को जरूर पढ़ें. एयर होस्टेस की ओर से दी जा रही सुरक्षा जानकारी को ध्यान से सुनें.

2. प्लेन के उड़ाने भरने और नीचे उतरते समय आपकी सीट बेल्ट ढीली नहीं होनी चाहिए. सीट बेल्ट यात्री की एक तरह से सुरक्षा ढाल है. कई बार देखा गया है कि विमान हादसों में कई पैसेंजर्स की मौत का कारण तेज झटका होता है, जिससे वे सीट से उछल जाते हैं. यदि वे सीट बेल्ट बढ़िया से बांधेंगे तो हादसे के समय उछलेंगे नहीं. यदि प्लेन क्रैश लैंडिंग या इमरजेंसी लैंडिंग करता है तो ब्रेस पोजशन यानी शरीर को झुका कर घुटनों के बीच सिर रखकर और हाथों से सिर को ढक लें. ऐसा करने से आपकी रीढ़, सिर और गर्दन प्लेन के झटकों से सुरक्षित रहेंगे. 

3. प्लेन से यात्रा करने के दौरान अपने कपड़ों का भी ध्यान रखना चाहिए. विमान से यात्रा के दौरान हमेशा ऐसे कपड़ों को पहनना चाहिए, जिससे पूरा शरीर ढक जाए. सूती कपड़ों को प्राथमिकता दें क्योंकि ये कम ज्वलनशील होते हैं. यात्रा के दौरान जूते ऐसे पहनें, जिन्हें पहनकर आप आसानी से दौड़ सकें. क्रैश के बाद यदि विमान में आग लग जाए या जल्दी बाहर निकलना पड़े तो हाई हील्स, सैंडल या भारी जूते आपकी रफ्तार धीमी कर सकते हैं.

4. प्लेन दुर्घटना के बाद यदि जहाज में धुआं भर गया है तो झुककर चलें क्योंकि धुआं ऊपर की ओर उठता है. अपनी नाक और मुंह को कपड़े या मास्क से ढकें. अतिरिक्त बचाव के लिए कपड़े को गीला रखें. प्लेन हादसे के दौरान अपना सामान लेने में समय बर्बाद न करें बल्कि जल्दी से जहाज से निकलने की कोशिश करें. 

5. यदि आप किसी तरह विमान से बाहर निकलने में सफल हो गए हैं तो किसी भी ज्वलनशील वस्तु या मलबे के पास न जाएं. जब तक कि कोई मदद के लिए न आ जाए, ग्रुप में रहें और घायल लोगों की मदद करें. दूसरों की सहायता करने से पहले अपना ऑक्सीजन मास्क लगा लें. 

6. राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के मुताबिक विमान हादसों में होने वाली 68 प्रतिशत मौतें दुर्घटना के बाद लगी आग के कारण होती हैं. ऐसे में आग से बचने के लिए जितनी जल्दी हो सके विमान से बाहर निकल जाएं.

7. फ्लाइट का टिकट बुक करते समय पिछली सीट लेने की कोशिश करें क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में पहले कुछ पंक्तियों में बैठे यात्रियों की तुलना में बचने की दर 40 फीसदी से अधिक होती है. कई विमान हादसों में जहाज के पिछले हिस्से में बैठे यात्रियों की जान बच गई है. 

8. ज्यादातर विमान दुर्घटनाएं सामने के हिस्से को प्रभावित करती हैं. टेक-ऑफ या लैंडिंग के दौरान विमान के आगे वाला हिस्सा ज़मीन से पहले टकराता है, जिससे वह अधिक क्षतिग्रस्त हो जाता है. जबकि पिछला हिस्सा कई बार टक्कर से बच जाता है या कम प्रभावित होता है.