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कब-कब Mayday Call से बची है हवाई हादसों में लोगों की जान, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में भी पायलट ने ली थी कॉल 

2009 में 15 जनवरी को एक और चमत्कारी घटना ने दुनिया को हक्का-बक्का कर दिया, जिसे 'मिरेकल ऑन द हडसन' के नाम से जाना जाता है. यूएस एयरवेज की फ्लाइट 1549, जो न्यूयॉर्क से शार्लेट जा रही थी, उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही कनाडाई गीज के झुंड से टकरा गई. दोनों इंजन फेल हो गए, और पायलट चेस्ली सलेनबर्गर के सामने विमान को सुरक्षित उतारने की चुनौती थी.

अहमदाबाद हवाई हादसा (फोटो-PTI) अहमदाबाद हवाई हादसा (फोटो-PTI)
हाइलाइट्स
  • मौत के मुंह से जान बचाने का संदेश

  • पायलट ने ली थी कॉल 

गुरुवार दोपहर 1:17 बजे एक ऐसी दर्दनाक घटना ने भारत को हिला दिया, जिसने हर किसी की सांसें थाम लीं. एयर इंडिया की लंदन के लिए रवाना हुई उड़ान AI-171, जो अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई. बोइंग 787 विमान में 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर सवार थे, और हादसे के बाद मेगनिनगर के पास धारपुर इलाके से काला धुआं उठता देखा गया. यह दृश्य इतना भयावह था कि राहत और अग्निशमन दल तुरंत मौके पर पहुंच गए. 

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के मुताबिक, विमान ने उड़ान भरने के तुरंत बाद मैडेय कॉल (MAYDAY call) जारी की, लेकिन इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क टूट गया, और विमान हवाई अड्डे की परिधि से बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन मैडेय कॉल ने एक बार फिर इस आपातकालीन संकेत की अहमियत को सामने ला दिया है. 

मैडेय कॉल होती है मौत के मुंह से जान बचाने का संदेश
मैडेय कॉल एक इंटरनेशनल इमरजेंसी संकेत है, जिसे विमान या जहाज तब जारी करते हैं जब उनकी स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. यह शब्द फ्रेंच भाषा के "m’aidez" (हेल्प मी) से लिया गया है, और हवाई यातायात में यह तीन बार दोहराया जाता है- 'मैडेय, मैडेय, मैडेय' ताकि स्थिति की गंभीरता स्पष्ट हो जाए. आज अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 ने भी उड़ान भरने के तुरंत बाद यह कॉल किया, लेकिन इसके बाद चुप्पी छा गई, जो इस हादसे की भयावहता को दर्शाता है. इतिहास में कई बार मैडेय कॉल ने चमत्कार दिखाए हैं, जहां पायलटों की सूझबूझ और नियंत्रण कक्ष की त्वरित प्रतिक्रिया ने सैकड़ों जिंदगियों को बचा लिया. 

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यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 232 (1989)
1989 में 19 जुलाई को यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट 232, जो डेनवर से शिकागो जा रही थी, इतिहास के सबसे खतरनाक हवाई हादसों में से एक बन गई. इस डीसी-10 विमान में 285 यात्री और 11 क्रू मेंबर सवार थे. उड़ान के दौरान, विमान के पिछले इंजन में विस्फोट हो गया, जिससे पूरे हाइड्रोलिक सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया. पायलट अल्फ्रेड हेनकेस और उनकी टीम के सामने विमान को नियंत्रित करने की चुनौती थी, क्योंकि स्टेयरिंग और ब्रेकिंग सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुके थे.

इसी बीच, पायलट ने तुरंत मैडेय कॉल जारी किया, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि विमान की स्थिति नियंत्रण से बाहर है और इमरजेंसी लैंडिंग की जरूरत है. सिएटल के कंट्रोल रूम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए साइक्सटन, आयोवा के नजदीकी हवाई अड्डे को अलर्ट किया. लेकिन हाइड्रोलिक सिस्टम के बिना लैंडिंग असंभव थी. पायलट ने असाधारण कौशल दिखाते हुए विमान को इंजनों की थ्रस्ट से संतुलित करने की कोशिश की और रनवे पर जोरदार टक्कर के साथ लैंडिंग कराई.

हादसे में 111 लोगों की मौत हो गई, लेकिन 184 लोग बच गए- एक चमत्कार जो मैडेय कॉल की बदौलत संभव हुआ. कंट्रोल रूम ने तुरंत राहत दल भेजे, और पायलट की सूझबूझ ने बचे लोगों की जिंदगी बचाई. यह घटना आज भी हवाई सुरक्षा के प्रशिक्षण में उदाहरण के तौर पर पढ़ाई जाती है, जहां मैडेय कॉल ने समय रहते मदद मांगी और एक बड़ी त्रासदी को कुछ हद तक कम किया.

हडसन नदी का चमत्कार (2009)
2009 में 15 जनवरी को एक और चमत्कारी घटना ने दुनिया को हक्का-बक्का कर दिया, जिसे 'मिरेकल ऑन द हडसन' के नाम से जाना जाता है. यूएस एयरवेज की फ्लाइट 1549, जो न्यूयॉर्क से शार्लेट जा रही थी, उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही कनाडाई गीज के झुंड से टकरा गई. दोनों इंजन फेल हो गए, और पायलट चेस्ली सलेनबर्गर के सामने विमान को सुरक्षित उतारने की चुनौती थी.

सलेनबर्गर ने तुरंत मैडेय कॉल जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि दोनों इंजन फेल हो गए हैं और इमरजेंसी लैंडिंग की जरूरत है. न्यूयॉर्क के एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने तुरंत नजदीकी हवाई अड्डों- लाग्वार्डिया और टेटरबोरो को अलर्ट किया, लेकिन सलेनबर्गर ने महसूस किया कि विमान इतनी जल्दी रनवे तक नहीं पहुंच सकता. उन्होंने एक ऐतिहासिक फैसला लिया. ये था विमान को हडसन नदी पर उतारना.

मैडेय कॉल के बाद नियंत्रण कक्ष ने तुरंत फेरी और राहत नौकाओं को नदी की ओर रवाना किया. सलेनबर्गर ने विमान को इतनी खूबसूरती से नदी पर उतारा कि 155 में से 150 यात्री और क्रू मेंबर सुरक्षित बच गए. बाकी पांच की मौत बाद में चोटों के कारण हुई. यह घटना मैडेय कॉल की शक्ति का जीवंत उदाहरण है, जहां पायलट की सूझबूझ और नियंत्रण कक्ष की त्वरित प्रतिक्रिया ने एक भयानक हादसे को चमत्कार में बदल दिया. सलेनबर्गर आज भी हवाई सुरक्षा के नायक के रूप में याद किए जाते हैं.

एयर इंडिया की फ्लाइट ने भी किया था मैडेय कॉल
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने उड़ान भरने के तुरंत बाद मैडेय कॉल जारी किया, जो संकेत देता है कि पायलट ने किसी गंभीर समस्या का आभास किया. DGCA के मुताबिक, विमान ने 1:17 बजे के आसपास उड़ान भरी और चंद मिनट बाद ही मेगनिनगर के पास धारपुर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. काला धुआं और आग की लपटों ने इस हादसे की भयावहता को बयान किया. राहत दल और अग्निशमन कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन अभी तक यात्री और क्रू मेंबर की स्थिति स्पष्ट नहीं है.

मैडेय कॉल के बाद संपर्क टूटना इस बात का संकेत हो सकता है कि विमान में कोई तकनीकी खराबी, इंजन फेलियर, या अन्य गंभीर समस्या थी, जिसने नियंत्रण से बाहर होने की स्थिति पैदा की. यूनाइटेड फ्लाइट 232 और हडसन मिरेकल में पायलटों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन अहमदाबाद में ऐसा नहीं हो सका. कहा जा रहा है कि हो सकता है पायलट को समय कम मिला, या विमान की स्थिति इतनी खराब थी कि बचाव संभव नहीं था? ये सवाल जांच के बाद ही साफ होंगे.

हादसे के बाद देश भर में शोक की लहर दौड़ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू से बात की और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी मौके पर राहत और चिकित्सा सुविधाओं के लिए हरसंभव प्रयास का आश्वासन दिया. एयर इंडिया ने हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है, जहां पीड़ितों के परिजन जानकारी ले सकते हैं.