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Tejas Mark-1A Fighter Jet: इंतज़ार खत्म! वायु सेना को जल्द मिलेगा स्वदेशी फाइटर जेट तेजस मार्क 1ए... जानिए इस स्मार्ट हथियार की खासियत

भारतीय वायुसेना को जल्द ही तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट मिलने वाला है. यह स्मार्ट जेट इंडियन एयरफोर्स की क्षमता को कई गुणा बढ़ाने वाला है. आइए जानते हैं क्या हैं इसकी खासियत.

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हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारतीय वायु सेना के लंबे इंतज़ार को खत्म करते हुए इस महीने के अंत में तेजस मार्क-1ए की पहली खेप डिलीवर करने वाला है. वायु सेना (Indian Air Force) ने 83 एयरक्राफ्ट्स के लिए 48000 का यह कॉन्ट्रैक्ट फरवरी 2021 में साइन किया था. वायु सेना को यह खेप मार्च 2024 में मिलने वाली थी, लेकिन काम पूरा होने में देर होती रही और तारीखें टलती रहीं.

वायु सेना को समय से एयरक्राफ्ट न मिलने की प्रमुख वजह यह थी कि अमेरिका से आने वाले एफ404 इंजन समय से नहीं पहुंच रहे थे. आखिर एचएएल ने प्रोडक्शन को तेज़ करने के लिए बेंगलुरु के दो प्रोडक्शन यूनिट्स के साथ नासिक में भी एक प्रोडक्शन यूनिट स्थापित किया और अब वह वायु सेना को पहली खेप देने जा रहा है. यह स्वदेशी एयरक्राफ्ट भारतीय वायु सेना के लिए बेहद अहम साबित होने वाला है. आइए जानते हैं क्या हैं तेजस मार्क-1ए की खासियत.

सबसे हल्का स्वदेशी एयरक्राफ्ट
तेजस मार्क-1ए एक 4.5 जनरेशन का मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट है. यह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LAC) है और अपनी कैटेगरी में सबसे हल्का होने के साथ-साथ सबसे छोटा भी है. इसके आने से भारतीय वायु सेना की बम और मिसाइल जैसे हथियार ले जाने की क्षमता बढ़ जाएगी. यह लड़ाकू विमान लॉन्ग रेंज मिसाइलों से लेकर बमों को सटीकता से मारने की क्षमता रखता है. 

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क्या कहती हैं स्पेसिफिकेशन?
तेजस मार्क-1ए की लंबाई 13.2 मीटर और चौड़ाई 8.2 मीटर है. इसकी ऊंचाई 4.4 मीटर है. यह एक बार में 13,500 किलो वज़न के साथ उड़ सकता है. इसमें जीई एफ404-आईएन20 (GE F404-IN20) इंजन मौजूद है. यह 1.6 मैक स्पीड यानी हवा की रफ्तार से 1.6 गुणा तेज़ उड़ सकता है. भारत का यह आधुनिक लड़ाकु विमान 50,000 फीट की अविश्वसनीय ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है, जो इसे एयर-टू-एयर कॉम्बैट के लिए घातक बनाता है.

आधुनिक तकनीक से लैस
मार्क-1ए तेजस का सबसे आधुनिक रूप है. और इसमें मौजूद तकनीक भी इसकी गवाही देती है. इसमें AESA रडार मौजूद है, जो तेजस की एक तरह की "आंख" है. चाहे दुश्मन के प्लेन हों या मिसाइलें, यह आंख बहुत दूर तक देख सकती है. यह रडार बहुत तेज़, सटीक और ज़्यादा ताकतवर होता है. यह पुरानी टेक्नोलॉजी से कई गुना बेहतर है.

मार्क-1ए में इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर स्वीट है. यह सिस्टम प्लेन को "चालाक" और ज्यादातर सुरक्षित बनाता है. इसमें दो चीजें होती हैं. पहली, रडार वॉर्निंग यानी अगर कोई दुश्मन प्लेन या मिसाइल तेजस को लॉक कर रही है तो यह पहले ही पायलट को पता चल जाएगा. इसमें सेल्फ प्रोटेक्टिंग जैमिंग भी मौजूद है यानी अगर दुश्मन मिसाइल फेंके तो यह सिस्टम सिग्नल भेजकर उसे भटका देता है. जैसे किसी को चकमा देना.

इसमें डिजिटल मैप जनरेटर भी है. यह एक हाईटेक लाइव मैप है जो पायलट को स्क्रीन पर दिखता है. इससे पायलट को पता रहता है कि वह कहां है और उसे कहां जाना है. मार्क-1ए में स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले भी मौजूद है तो एक साथ रडार, मैप, दुश्मन की पोज़ीशन, फ्यूल वगैरह सब दिखाता है. तेजस में कंबाइन्ड इंटेरोगेटर और ट्रांसपॉन्डर भी लगाया गया है जिससे पता चले कि सामने वाला प्लेन अपना है या दुश्मन का.

आखिर में इसमें एडवांस रेडियो ऑल्टमीटर लगाया गया है जो यह बताता है कि प्लेन जमीन से कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा है. कुल मिलाकर तेजस मार्क-1ए अब और भी ज़्यादा तेज़, सेफ और स्मार्ट बन गया है. भारतीय वायु सेना ने एचएएल के साथ कुल 180 विमानों का सौदा किया है यानी 83 तेजस मिलने के बाद दूसरी खेप में 97 एयरक्राफ्ट और मिलेंगे. ये विमान वायु सेना से रिटायर होने वाले मिग-21, मिग-27 और जगुआर की जगह लेंगे.